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जनधन योजना के लिए संजीवनी साबित हुई नोटबंदी, खाली पड़े खातों में हो रही रुपयों की बारिश

सरकार की तरफ से बंद किये गए 500 और 1000 के पुराने नोटों का असर अब जनधन योजना के अन्तर्गत खोले गए खातों पर दिख रहा है. जिन खातों में एक या दो रूपए होते होते थे अब वहां 49000 तक की रकम आ गयी है.

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  • November 12, 2016 8:30 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. सरकार की तरफ से बंद किये गए 500 और 1000 के पुराने नोटों का असर अब जनधन योजना के अन्तर्गत खोले गए खातों पर दिख रहा है. जिन खातों में एक या दो रूपए होते होते थे अब वहां 49000 तक की रकम आ गयी है.
 
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी खबर के अनुसार जिन जनधन खातों से पिछले दो साल तक कोई लेनदेन नहीं हुआ उन खातों में अब 49000 रूपये तक जमा हो रहे है.
 
दरअसल 49000 रुपये तक की राशि बैंक में जमा करने पर पेन कार्ड दिखने की जरूरत नहीं होती. इसलिए माना जा रहा है कि ब्रोकरों और ब्लैक मनी रखने वाले लोगों ने ऐसे लोगों के बैंक अकाउंट में अपने पैसे जमा कराये है जिन पर कोई शक ना कर सके. ताकि इनके माध्यम से वो अपने काले धन को सफ़ेद कर सके.
 
आगरा में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के मैनेजर अजय अग्निहोत्री ने बताया,’उनके बैंक में 15000 जनधन के खाते है जिनमें से 30 प्रतिशत में पिछले गुरुवार से 49000 रूपये तक डिपॉजिट हुए है.
 
उन्होंने कहा हमें उम्मीद है आगे आने वालों दिनों में ये संख्या और बढ़ेगी.’ इन खाता धारकों से ये पता चला है कि 49000 रूपये अपने अकाउंट में जमा करने के लिए किसी और ने दिए थे. जिसे कुछ महीनो बाद उसे वापस करने है.
 
इस काम के लिए उन्हें 500 रूपये कमीशन भी दिया जाएगा. इस काम को अंजाम देने के लिए इन्हें अपने जनधन खातों का इस्तेमाल करना है. बता दें कि सरकार ने अगस्त 2014 में जनधन योजना की शुरुआत की थी. जिसमे गरीब लोग जीरो बैलेंस में अपना खाता खोल सकते थे.

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