नई दिल्ली. मोदी सरकार ने भारतीय सेना और वायुसेना की ताकत बढ़ाने के लिए जिस एएच-64 अपाचे हेलीकॉप्टर का सौदा किया है, वो चार पंखों वाला आधुनिक युग का गरुड़ तेज़, फुर्तीला और विध्वंसक ही है. जंगी हेलीकॉप्टरों में आज की तारीख में अपाचे को बेजोड़ माना जाता है, तो इसकी वजह भी बहुत साफ है. इस एडवांस अटैक हेलीकॉप्टर का इंजन 1410 किलोवॉट ऊर्जा पैदा करता है, जो इसे तेज़ रफ्तार देती है.
अपाचे डबल रोटर हेलीकॉप्टर है, जिसके अगले और पिछले हिस्से में चार ब्लेड वाले रोटर लगे हैं. अपाचे हेलीकॉप्टर का केबिन टू सीटर है, जिसमें पायलट के साथ को-पायलट या गनर बैठता है. अपाचे में बैठे गनर या को-पायलट के हाथों में ही 30 एमएम ऑटोमेटिक चेन गन और एजीएम-114 हेलफायर मिसाइल का ट्रिगर होता है. इस हेलीकॉप्टर की 30 एमएम चेन गन से एक बार में 50 किलोमीटर के दायरे में 256 टारगेट को हिट किया जा सकता है. अपाचे हेलीकॉप्टर में सटीक निशाना लगाने की उम्दा टेक्नोलॉजी भी है.
अपाचे में टारगेट एक्विजिशन एंड डेजिग्नेशन सिस्टम यानी टीएडीएस का इस्तेमाल किया गया है, जिससे फायरिंग से पहले टारगेट को फिक्स करने में मदद मिलती है. अपाचे में चेन गन को हेलमेट के साथ जोड़ा गया है. इससे को पायलट की आंख और चेन गन की नाल का फोकस एक साथ रहता है और निशाना चूकने की गुंजाइश बेहद कम हो जाती है. इस सिस्टम को इंटीग्रेटेड हेलमेट एंड डिस्प्ले साइटिंग सिस्टम कहा जाता है.
17.73 मीटर लंबे और 3.87 मीटर ऊंचे अपाचे हेलीकॉप्टर का वजन 5165 किलो है और इसमें 8 हज़ार किलो वजन ढोया जा सकता है. ये हेलीकॉप्टर 365 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम रफ्तार से 21 हज़ार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है और एक बार में 1900 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है.
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