श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से फायरिंग का सिलसिला जारी है. सरहद बारूदी धमाकों से सुलग रही है और पूरा हिंदुस्तान बदले की आग में धधक रहा है. इस फायरिंह में पंजाब के अमृतसर, यूपी के बलिया और राजस्थान के बाड़मेर ने अपना एक-एक जांबाज़ सपूत और खो दिया है. भारतीय सेना के तीन जवानों की शहादत बीते 48 घंटों के दौरान सीमा पार की गोलाबारी में हुई है.
यूपी के बलिया के नायक हरिंद्र यादव एलओसी पर राजौरी सेक्टर में ड्यूटी पर थे. मंगलवार की शाम पाकिस्तान फौज ने मोर्टार से गोले दागे, जिसकी चपेट में आकर हरिंद्र यादव शहीद हो गए. ये खबर पहुंचने के बाद से ही पूरा गांव मातम में डूबा है.
राजौरी सेक्टर में ही शहीद हुए राजस्थान के बाड़मेर के प्रेम सिंह सारण की उम्र सिर्फ 23 साल थी. घर में पत्नी और मां का रो-रो कर बुरा हाल है. शहीद प्रेम सिंह अभी 5 दिन पहले ही घर से बॉर्डर रवाना हुए थे. प्रेम के गांव और परिवार के लोग अब चाहते हैं कि पाकिस्तान को सबक सिखाया जाए, ताकि फिर हिंदुस्तान के किसी गांव को अपने बेटे की शहादत का दर्द ना झेलना पड़े.
बॉर्डर पर गोलाबारी के साथ-साथ अब पाकिस्तानी फौज घात लगाकर भारतीय सैनिकों को निशाना बनाने की घटिया चाल भी चल रही है. पंजाब के अमृतसर के हवलदार सतनाम सिंह एलओसी पर माछिल सेक्टर में तैनात थे, जो बॉर्डर पर पैट्रोलिंग के दौरान पाकिस्तानी फौज की स्नाइपर फायरिंग में शहीद हो गए. शहीद सतनाम का परिवार अब गर्व और गुस्से के साथ-साथ बदले की आग में भी जल रहा है.
बता दें कि सीमा पार भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अब तक सेना और बीएसएफ के 13 जवान शहीद हो चुके हैं. पाकिस्तानी फायरिंग में 20 बेगुनाह नागरिक भी मारे जा चुके हैं. भारतीय सेना और बीएसएफ सीमा पार जवाबी गोले भी बरसा रही है, लेकिन ये सवाल जस का तस है कि आखिर कब तक चलेगा सीमा पर शहीद होने का सिलसिला ?