नई दिल्ली. पूर्व न्यायाधीश मार्कंडे काटजू आज सुप्रीम कोर्ट में सौम्या रेप मामले को लेकर निजी तौर पर बहस कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में यह पहला मौका है जब कोई रिटायर्ड जज सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ व्यतिगत तौर पर कोर्ट में बहस कर रहा है. काटजू ने कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए थे जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें व्यक्तिगत तौर पर पेश होने को कहा था. उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट के जरिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया था.
सुप्रीम कोर्ट ने विगत 17 अक्टूबर को उनके फेसबुक पोस्ट पर बहस करने को कहा था. काटजू ने अपनी फेसबुक पोस्ट में कोर्ट के फैसले की आलोचना की थी. उन्होंने लिखा था कि आरोपी को हत्या के आरोपों से बरी कर दिया गया जिससे वह फांसी से बच निकला.
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति यू यू ललित की एक पीठ ने काटजू को एक नोटिस जारी करके कहा था कि वे एक अच्छे आदमी हैं. इसलिए हम उनसे निजी तौर पर बात करना चाहते हैं. वे अदालत में पहुंचकर हमारे फैसलों की खामियों को उजागर करें.
बता दें कि 23 फरवरी 2011 को सौम्या ट्रेन से केरल के शोरनुर जा रही थी. इसी दौरान गोविन्दाचामी ट्रेन में चढ़ा, सौम्या के साथ लूटपाट और विरोध करने पर सौम्या को ट्रेन से नीचे फेंक दिया. इसके बाद वह ट्रेन से कूद गया और सौम्या का रेप कर डाला.
इसके बाद 6 फरवरी को इलाज के दौरान सौम्या की मौत हो गई थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट गोविन्दाचामी को सिर्फ रेप का दोषी करार दिया और उम्र कैद की सजा सुनाई. कोर्ट के इस फैसले पर सौम्या की मां ने कहा था कि ये न्याय व्यवस्था की हार है. बेटी को इंसाफ नहीं मिल सका.