नई दिल्ली. काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले के पीछे एक शख्स है जिसको शायद ही कुछ पूरा देश जानता हो. उनका नाम अनिल बोकिल है. वह पुणे के रहने वाले हैं. अनिल बोकिल अर्थक्रांति नाम की संस्था चलाते हैं. हमारे सहयोगी चैनल इंडिया न्यूज के प्रबंधक संपादक राणा […]
नई दिल्ली. काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले के पीछे एक शख्स है जिसको शायद ही कुछ पूरा देश जानता हो. उनका नाम अनिल बोकिल है. वह पुणे के रहने वाले हैं. अनिल बोकिल अर्थक्रांति नाम की संस्था चलाते हैं.
हमारे सहयोगी चैनल इंडिया न्यूज के प्रबंधक संपादक राणा यशवंत ने इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि अनिल को प्रधानमंत्री मोदी से अपनी बात कहने के लिए 9 मिनट का समय मिला था. लेकिन जब उन्होंने अपनी बात कहनी शुरू की तो अनिल 500 और 1000 के नोटों के पीछे छिपे काले सच को उजागर किया और कैसे उनको हटाना इसका प्लान भी समझाया और शायद पीएम मोदी ने उनकी सलाह मान ली.
राहुल गांधी ने नहीं सुनी थी बात
सहयोगी चैनल इंडिया न्यूज के प्रबंधक संपादक राणा यशवंत ने इस बात की भी जानकारी दी कि केंद्र में यूपीए की सरकार थी तो अनिल बोकिल कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भी मिलने की कोशिश की थी. लेकिन उनको सिर्फ 11 सेकेंड का समय दिया गया. लेकिन राहुल ने उनकी बात को अनसुना कर दिया और कहा किसी अधिकारी से मिलने के लिए कह दिया. इतना ही नहीं सुरक्षा की वजह से अनिल बोकिल वह प्रजेंटेशन भी राहुल को नहीं दिखा पाए जिसे पीएम मोदी ने बड़े ही इत्मिनान से देखा था.
यही फर्क है पीएम मोदी और राहुल गांधी में
कालेधन के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी और निर्णायक लड़ाई में राहुल गांधी इतिहास बनाने से चूक गए. ऐसी ही एक गलती वह पहले भी कर चुके थे. दरअसल चुनावी प्रबंधन के इस समय सबसे बड़े रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी राहुल गांधी से मिलकर उनको पूरा प्लान समझाया था लेकिन राहुल ने उनको भी बेकार समझा.
तब प्रशांत ने उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले और पूरा प्लान समझाया. मोदी को उनकी बातें समझ में आ गईं. जिसके दम पर मोदी ने 2012 का गुजरात विधानसभा चुनाव जीता फिर उसके बाद पूरे देश में मोदी लहर को पैदा की गई जिसके पीछे भी प्रशांत किशोर का ही दिमाग था और नतीजा यह रहा कि नरेंद्र मोदी ने 2014 का लोकसभा चुनाव भी प्रचंड बहुमत से जीत गए.