नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट पंजाब और हरियाणा के बीच विवादित सतलुज यमुना लिंक नहर के पानी के बंटवारे को लेकर आज फैसला सुना सकता है. इस नहर के पानी को लेकर दोनो राज्यों के बीच काफी लम्बे समय से विवाद है. इस विवाद के तीन दशक हो गए हैं. बता दें कि 2004 में तत्कालीन राष्ट्रपति ने इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट से सलाह मांगी थी.
जस्टिस एआर दवे की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था. जस्टिस एआर दवे इसी महीने 18 तारीख को रिटायर भी हो रहे हैं. केंद्र सरकार का कहना है कि दोनो राज्य मिलकर इस मामले का समाधान करें हम किसी राज्य का पक्ष नहीं ले रहे हैं.
इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब में पंजाब सरकार ने कहा था कि जब यह समझौता हुआ था तब हालात कुछ और थे आज हालात कुछ और हैं. पंजाब के पास जो पानी है उससे उसकी जरुरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं तो वह हरियाणा को पानी कैसे दे. पंजाब भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. उसका कहना है कि उसे हरियाणा को पानी देने के लिए उसे मजबूर करना किसी भी तरह ठीक नहीं है.दुसरी तरफ हरियाणा यह उम्मीद कर रहा है कि फैसला उसके हक में आएगा .
कांग्रेसे के नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना है कि अगर फैसला पंजाब के खिलाफ आया तो कांग्रेस के सभी विधायक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे. अगर पंजाब के खिलाफ फैसला आया तो राज्य में हड़कंप मच सकता है और सियासी तुफान खड़ा हो जाएगा. पंजाब एक बुंद पानी भी हरियाणा को देने को तैयार नहीं है. वहीं कल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मिलाकात की थी सुत्रों का कहना है कि उन्होनें इस मुद्दे पर चर्चा किया.