नई दिल्ली. अगर आप बीमार है और अस्पताल जा रहे है तो 500 और 1000 के पुराने नोटों के साथ अस्पताल ना जाये. आपको मायूस होकर बिना इलाज के वहां से वापस आना पड़ेगा.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार काबुल की रहने वाली फरीदा हक़ दिल्ली के आईबीएस हॉस्पिटल में अपनी स्पाइन की सर्जरी के लिए आयी है. उन्हें चालीस हजार रूपए की रकम ऑपरेशन से पहले जमा करने के लिए कहा गया था.
पर जब वो ये रकम जमा करने हॉस्पिटल पहुंची तो हॉस्पिटल वालों ने उनसे पैसे लेने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि उनके पास सारे पुराने नोट थे. फरीदा के अनुसार उनका भारत में कोई बैंक अकाउंट भी नहीं है और उन्होंने सारे पैसे एयरपोर्ट पर ही एक्सचेंज करा लिए थे.
कुछ ऐसा ही हाल कांधार के रहने वाले फारूक का भी रहा जो फोर्टिस हार्ट इंस्टिट्यूट में इलाज के लिए आये थे. उन्हें भी बिना इलाज के वापस लौटना पड़ा क्योंकि उनके पास क्रेडिट या डेबिट कार्ड नहीं था, वो नगद पैसे लेकर हॉस्पिटल गए थे.
दिल्ली में लगभग सभी प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को ऐसी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. कुछ अस्पतालों ने तो मरीजो से खुले पैसे लेने के लिए उन्हें छूट भी प्रदान की.
अस्पतालों के साथ मेडिकल स्टोरों में भी यही समस्या देखने को मिली. जहां से मरीजों के परिजनों को पुराने नोटों के कारण बिना दवा के लौटना पड़ा. एक व्यक्ति ने बताया की दवा खरीदने के लिए उसे अपने दोस्त से पैसे भी उधार लेने पड़े.