नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में दस दिन के अंदर दो बार पत्रकारों पर जानलेवा हमले हुए हैं. शाहजहांपुर में पत्रकार को जिंदा जलाकर मार डाला जबकि कानपुर में भी पत्रकार को गोलियां मारी गई. शहजहांपुर मामले में तो अखिलेश सरकार के राज्यमंत्री का नाम सामने आ चुका है लेकिन सरकार अब तक सो रही है. […]
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में दस दिन के अंदर दो बार पत्रकारों पर जानलेवा हमले हुए हैं. शाहजहांपुर में पत्रकार को जिंदा जलाकर मार डाला जबकि कानपुर में भी पत्रकार को गोलियां मारी गई. शहजहांपुर मामले में तो अखिलेश सरकार के राज्यमंत्री का नाम सामने आ चुका है लेकिन सरकार अब तक सो रही है. सवाल उठता है की मीडिया पर लगातार हमले क्यों किए जा रहे हैं.
सच का पर्दाफाश करना इतना जोखिम भरा क्यों हो गया है और आरोपी राज्यमंत्री को कौन बचा रहा है. आज के अभियान में देखिए कि क्या यूपी में कैसे सच बोलना गुनाह हो गया है.