नई दिल्ली. 500 और 1000 के पुराने नोटों को नष्ट करने का रिजर्व बैंक ने नायाब तरीका अपनाया है. सरकार अब इन नोटों का इस्तेमाल गड्ढे भरने के लिए करेगी.
अंग्रेजी अख़बार इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी एक खबर के अनुसार नोटों को बदले जाने के बाद रिसर्व बैंक इन सारे नोटों को गड्ढे भरने में इस्तेमाल किये जाने वाली ईंटों के रूप में ढालेगा.
रिजर्व बैंक के एक अधिकारी ने नाम ना उजागर करने की शर्त पर अखबार को बताया,’इन नोटों के ऐसे टुकड़े किए जाएंगे कि इन्हें दोबारा जोड़ा न जा सके. उसके बाद इन्हें तपा कर ईंट की शक्ल में बदल दिया जाएगा.
उसके बाद इन्हें लैंड फीलिंग (गड्ढे भरने) करने वाले ठेकेदारों को दे दिया जाएगा.’ गौरतलब है कि मार्च 2016 तक देश में 500 के लगभग 1570 करोड़ नोट और 1000 के लगभग 632 करोड़ नोट प्रचलन में थे. अब इन सभी पुराने नोटों को नष्ट करने की जिम्मेदारी रिजर्व बैंक की होगी.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवम्बर की शाम को 500 और 1000 के पुराने नोटों को समाप्त करने की घोषणा की थी. जिसमें लोग 30 दिसम्बर तक अपने पुराने नोटों को पोस्ट ऑफिस और बैंकों में जाकर बदल सकते है.
दुनिया भर में पुराने नोटों को समाप्त करने के लिए अलग-अलग तरीकें इस्तेमाल में लाये जाते है. 1990 तक बैंक ऑफ़ इंग्लैंड ऐसे नोटों को जलाकर बैंक की इमारत को गर्म रखने के काम में लेता था. 2000 के दशक के बाद बैंक ने ऐसे नोटों को जमीन के नीचे दबाकर खाद बनाने में काम में लाया जाता था. रिजर्व बैंक ने भी पुराने नोटों को समाप्त करने की अपनी योजना बना ली है.