नई दिल्ली. देशभर में 500 और 1000 रुपए के नोट बंद हो जाने के बाद काला धन जमा करने वालों के लिए ये खबर चेहरे पर 12 बजने के बराबर है. खासतौर पर उन लोगों को ज्यादा दिक्कत है कि जिन्होंने काला धन जमा कर रखा है और अब वो इन नोटों का क्या करें.
ये परेशानी न सिर्फ अपने देश में है बल्कि पड़ोसी देश में भी जो आतंक फैलाने के लिए जाली नोटों का इस्तेमाल करते थे अब वो क्या करें. ये सब मोदी सरकार के काले धन और जाली नोटों पर किए सर्जिकल स्ट्राइक का परिणाम है. इस तरह का फैसला हाल ही के सालों में हो याद नहीं.
1978 में मोररजी देसाई जब प्रधानमंत्री थे तब उन्होंने भी बड़े नोटों पर रोक लगाई थी. लेकिन तब न तो आतंकवाद इतना था और न ही भ्रष्ट्राचार की समस्या इतनी बड़ी थी और न ही तब लाखों करोड़ों के इतने बड़े घोटाले होते थे.
आम आदमी के लिए इस फैसले में क्या है, आज इसी मुद्दे पर देखिए
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बड़ी-बहस.
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