नई दिल्ली. 500 और 1000 नोट को बंद करने के मोदी सरकार के फैसले को रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका में सरकार के लिए फैसले से होने वाली परेशानियों का हवाला दिया गया है. याचिका में कहा गया है कि सरकार के इस फैसले से जिनके घरों में शादी है उन लोगों को इस फैसले से ज्यादा दिक्कतें हो रही हैं. ये याचिका वकील संगम लाल पांडेय ने दाखिल की है.
पांडेय का कहना है कि आपात हालात को देखते हुए वे कोर्ट से इस याचिका पर शीध्र सुनवाई का अनुरोध करेंगे. याचिका में कहा गया है कि अचानक इस फैसले से आम लोगों को दिक्कत हो गई है, सरकार के इस फरमान से उन लोगों को दिक्कत बढ गई है जिनके घर में शादी है. 9, 10, 11 नवंबर को देशभर में हजारों शादियां हैं जो इस फैसले के बाद नहीं हो पाएंगी.
याचिका में आगे कहा है कि किसानों को फसलों से कमाई का वक्त है जो फैसला से प्रभावित हो रहा है जिससे वो मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान हो रहे हैं. प्रधानमंत्री के इस तुगलकी फरमान से अस्पतालों में भर्ती लोग मरने की कगार पर हो गए हैं. कोर्ट इस सरकारी आदेश को रद्द करे और आम लोगों को शादियों, इलाज और शैक्षणिक खर्च का इंतजाम कर सकें.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात 8 बजे देश को संबोधित करते हुए कहा कि 8 और 9 नवंबर की मध्यरात्रि से 500 और 1000 के नोट बंद हो जाएंगे. 500 और 1000 के नोटों के अलावा बाकी सभी नोट और सिक्के नियमित हैं और उनसे लेन-देन हो सकता है.