नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद 500 और 1000 के नोट अब बंद हो गए हैं, लेकिन केंद्र सरकार के इस फैसले की कोई तारीफ कर रहा है तो कोई सवाल खड़े कर रहा है. कांग्रेस के नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने पीएम मोदी के इस फैसले पर सवाल खड़े कर दिए हैं, तो वहीं वर्तमान में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चिदंबरम के सवालों का जवाब दिया है.
चिदंबरम ने किया सवाल
पी. चिदंबरम ने केंद्र सरकार के 500 और 1000 के नोट वापस लेने और 500 और 2000 के नए नोट जारी करने के फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि अगर केंद्र सरकार ने काला धन खत्म करने के उद्देश्य से यह फैसला लिया है तो कांग्रेस सरकार के साथ है, लेकिन इस फैसले से काला धन खत्म होगा या नहीं यह कहना अभी उचित नहीं है.
2000 के नोट लाने के फैसले पर चिदंबरम ने कहा कि 1000 का नोट वापस लिया जा रहा है और 2000 का नोट जारी किया जा रहा है, आखिर 2000 के नोट जारी करने से ब्लैक मनी कैसे खत्म होगी. 2000 के नोट जारी करने से भविष्य में काला धन पैदा नहीं होगा ऐसा कैसे हो सकता है.
चिदंबरम ने कहा कि साल 1978 में भी सरकार ने बड़े नोट बंद करने का फैसला लिया गया था, लेकिन तब 500 रुपये के नोट की कीमत काफी ज्यादा हुआ करती थी, लेकिन आज उसकी कीमत उतनी नहीं है. आज गरीब लोगों के पास भी 500 का नोट होता है, सरकार के इस फैसले के बाद गरीब लोगों को काफी परेशानी हो रही है.
चिदंबरम ने कहा कि 500 का पुराना नोट वापस लेकर नया नोट जारी किया जा रहा है इससे कौन सा लक्ष्य प्राप्त होगा, वहीं 2000 का नोट जारी करना एक पहेली जैसा है.
जेटली ने दिया जवाब
चिदंबरम के सवालों के बाद अरुण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि सरकार के इस फैसले से देश की अर्थव्यवस्था को खासा लाभ होगा, इसके साथ ही राज्य सरकार को भी लाभ होगा. वहीं 2000 के नोट पर जीपीएस चिप के होने की खबर को खारिज करते हुए जेटली ने कहा कि ऐसी कोई भी चिप 2000 के नोट में नहीं लगाई गई है, चिप होने वाली बात पूरी तरह से गलत है.
जेटली ने सरकार के इस कदम को उत्तर प्रदेश चुनाव से जोड़कर देखने वाली बात को भी गलत कहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने यह कदम यूपी चुनाव को ध्यान में रखते हुए नहीं उठाया है, अगर इस निर्णय से इलेक्शन सस्ते हो जाते हैं तो यह बड़ा उपकार होगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि साल 1978 में जब फैसला लिया गया था तब बाजार में 10 फीसदी के हाई डिनोमिनेशन नोट थे, लेकिन आज 86 फीसदी हैं, इसलिए यह कदम कालेधन और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए कारगार साबित होगा.
जेटली ने चिदंबरम के सवाल का जवाब देते हुए कहा है कि गरीबों की परेशानी पर बात करने वालों को यह जान लेना चाहिए कि सरकार के इस कदम से किसी भी गरीब व्यक्ति को कोई परेशानी नहीं होगी.