नई दिल्ली. 500 और 1000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के बाद अरुण जेटली ने भी मीडिया में सरकार की ओर से पक्ष रखा. उन्होंने सरकार के इस फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि लोगों को थोड़ी परेशानी तो जरूर होगी लेकिन देश का भला होगा. बड़ा फैसला अचानक ही लेना पड़ता है.
वित्त मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 2004 से 2014 तक तक देश में रूटीन सरकार चल रही थी लेकिन मोदी रूटीन सरकार चलाने नहीं आए हैं. इससे काले धन पर लगाम लगेगी. सरकार कैशलैश अर्थव्यवस्था बनाने की कोशिश कर रही है.
ईमानदारी से जीने वाले खुश
इस फैसले से लोगों को हो रही मुश्किलों पर जेटली ने साफ तौर पर कह दिया कि ईमानदारी से जीवन जीने वाले लोग इससे खुश हैं. साधारण परिवार में 40-50 हजार रुपये ही होते हैं लेकिन काला धन रखने वाले लोग जरूर इससे परेशान होंगे. उन्होंने लोगों को सलाह दी कि इन दिनों कैश की जगह चैक का इस्तेमाल करें और लोग घर पर रखे नोट को बैंक में जाकर बदल सकते हैं.
पुरानी करेंसी जाने का दुख
जेटली ने इस फैसले से चुनाव प्रक्रिया के साफ-सुथरा होने की बात भी कही और कहा कि राजनीतिक दलों पर भी इसका असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि हर राज्य को इससे लाभ मिलेगा. अरुण जेटली ने यह स्पष्ट कर दिया कि गलत तरीके से पैसा रखने वालों को सरकार नहीं बख्शेगी. उन्होंने कि पैसे जमा करने वालों पर हमारी नजर रहेगी. सरकार को कानूनी तरीके से कमाए पैसे पर कोई दिक्कत नहीं है.
वित्त मंत्री ने पुरानी करेंसी के जाने पर दुख भी जाहिर किया. साथ ही बताया कि गोपनीय तरीके से नई करेंसी छापी जा रही थी, कई महीनों से ये काम हो रहा था. तीन चार हफ्तों में पूरी करेंसी बदल जाएगी.