नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मंगलवार रात 8 बजे अचानक 500 और 1000 के नोटों को ‘कागज के टुकड़े’ में बदल देने के ऐलान के बाद से अफरातफरी मच गई है. एक ओर जहां आम जनता परेशान है. वहीं सबसे ज्यादा धक्का काला धन रखने वालों को लगा है.
दरअसल केंद्र सरकार की ओर से 30 सितंबर तक काले धन पर टैक्स देकर उसको सफेद करने का मौका दिया गया था. लेकिन कुछ लोगों ने इसमें भी चालाकी दिखाई. उन्होंने बहुत बड़ी मात्रा में कैश को छुपाकर रखा था जिसमें 500 और 1000 के नोट शामिल हैं. इनका इस्तेमाल रोजमर्रा के कामों में हो रहा था.
इन लोगों ने इस पैसे को रिश्वत, अवैध खनन, प्रॉपर्टी में दलाली, रियल एस्टेट और काले धन को सफेद कराने के बीच लिया गया प्रॉफिट शामिल है. दरअसल केंद्र सरकार की ओर से लिए गए अचानक फैसले के पीछे की मंशा ये है कि काला धन को रखने वालों को एक दिन का भी मौका न दिया जाए.
क्योंकि आशंका इस बात की थी ऐसे लोग पूरा न सही लेकिन काफी मात्रा में इस रुपए को खपा सकने में कामयाब हो जाएंगे. लेकिन अब जैसे ही आय से ज्यादा पैसा बैंक में जमा किया जाएगा इनकम टैक्स विभाग की नजर तुरंत पड़ जाएगी.
सबसे ज्यादा असर 5 राज्यों के चुनावों में
2017 में इस 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर शामिल हैं. बताया जा रहा है कि यूपी और पंजाब के चुनाव में सबसे ज्यादा काला धन चुनाव में खपाया जा सकता है.
अब ऐसे नेताओं की शामत आ गई है जिनके पास आम जनता और देश के खजाने का पैसा गड़ा हुआ है.