500 और 1000 रुपये के नोट बदलने में सरकार को करना होगा इतना खर्चा…

सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया है. माना जा रहा है कि इससे जाली करेंसी पर नकेल कसने में मदद मिलेगी. लेकिन, इससे बाजार में सर्कुलेट हो रहे कितने नोट बेकार हो जाएंगे और इस पूरी प्रक्रिया में कितना खर्चा आएगा इसके आंकड़े चौंकाने वाले हैं.

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500 और 1000 रुपये के नोट बदलने में सरकार को करना होगा इतना खर्चा…

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  • November 9, 2016 6:17 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया है. माना जा रहा है कि इससे जाली करेंसी पर नकेल कसने में मदद मिलेगी. लेकिन, इससे बाजार में सर्कुलेट हो रहे कितने नोट बेकार हो जाएंगे और इस पूरी प्रक्रिया में कितना खर्चा आएगा इसके आंकड़े चौंकाने वाले हैं. 
 
रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया की प्रेस कांफ्रेंस में बताए गए आंकड़ोंं के अनुसार बाजार में 16.5 खरब 500 रुपये के नोट और 6.7 खरब 1000 रुपये के नोट सर्कुलेशन में हैं. वहीं, वित्त वर्ष 2014-15 के अंत में सर्कुलेशन में मुद्रा स्टॉक में 1000 रुपये के नोट का शेयर 39 प्रतिशत था. वहीं, 500 रुपये के नोट का मुद्रा स्टॉक में शेयर 45 फीसदी है. 
 
500 और 1000 रु. के नोट बनाने में 11,900 करोड़ का खर्च 
लेकिन, मंगलवार आधी रात के बाद से भारत का 80 फीसदी से ज्यादा कैश सिर्फ कागज के टुकड़े रह जाएंगे. अब सवाल यह है कि इस फैसले को लागू करने में सरकार को कितना खर्चा उठाना पड़ेगा. क्या इसका कोई असर हम पर पड़ेगा? 
 
बता दें कि 1000 रुपये को नोट को बनाने में सबसे कम खर्च आता है. एक नोट बनाने में तीन रुपये की लागत पड़ती है यानी उसके अंकित मूल्य के 0.32 फीसदी की कीमत पड़ती है. वहीं, 10 रुपये का नोट बनाने में 96 पैसे की लागत है, जो उसके अंकित मूल्य (यानी 100 रुपये) का 9.6 प्रतिशत है. एक विश्लेषण के अनुसार साल 2014-15 में 100 रुपये के रूप में जारी किए गए 500 और 1000 रुपये के नोटों की लागत 11,900 करोड़ रुपये रही होगी. 
 
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांता दास ने आरबीआई की प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि इस पूरी प्रक्रिया में कितना खर्च आएगा इसकी गणना नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि जब भारत और भारतीय अर्थव्यवस्था के फायदे के बात हो तो कितने भी खर्चे का भार कम हो जाता है. 

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