नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने योग को सभी स्कूलों में जरुरी बनाने वाली याचिका पर सुनवाई करते समय याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि आप योग करते हैं? आखिरी बार आपने योग कब किया था? इस सवाल जवाब वे नहीं दे पाए कोर्ट ने यह बात चुटकी लेते हुए कही. याचिकाकर्ता के वकील इसपर घबरा गए. न्यायालय का कहना है कि इतने प्रदूषण में कोई योग कैसे कर सकता है?
अदालत ने कहा कि यह सरकार तय करेगी कि स्कूलों में क्या सिखाया जाए यह तय करना हमारा काम नहीं है. आप जाकर लोगों को समझाएं कि वे योग करें. सुनवाई करने वाली बेंच में चीफ जस्टिस आफ इंड़िया भी थे. कोर्ट ने कहा लोगों का मन करेगा तो वे योग करेंगे. वकील कृष्णमणि से चीफ जस्टिस नें पूछा की योग का आखिरी आसन कौन सा है? जवाब भी बेंच से ही आया. जवाब था शवासन. अदालत ने वकील से पूछा आप इसके बारे में जानते भी नहीं हैं और योग के पक्ष में आये हैं.
याचिका में यह मांग की गई है कि मानव संसाधन मंत्रालय, एससीआरटी, एनसीटीई, और सीबीएसई को निर्देश दिया जाए कि वे पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए योग की एक मानक पुस्तक तैयार करें. यह जनहित याचिका भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने लगाई है. वे और उनके दो वकील मिलकर बेंच को मनाने की कोशिश कर रहे थे जिस पर बेंच यह नहीं माना.