बिहार में बोर्ड परीक्षा में खुलेआम नकल की तस्वीरें सामने आने के बाद अब सीएम नीतीश कुमार ने मोर्चा संभाल लिया है. नीतीश ने अपने ब्लॉग में कहा है कि यह पूरे बिहार की तस्वीर नहीं है. नीतीश ने सोशल मीडिया पर बिहार की शिक्षा प्रणाली का मज़ाक उड़ाने को गलत बताया है और कहा कि नकल की इन कुछ तस्वीरों से बिहार की प्रतिभा का आंकलन नहीं किया जा सकता.
नई दिल्ली. बिहार में बोर्ड परीक्षा में खुलेआम नकल की तस्वीरें सामने आने के बाद अब सीएम नीतीश कुमार ने मोर्चा संभाल लिया है. नीतीश ने अपने ब्लॉग में कहा है कि यह पूरे बिहार की तस्वीर नहीं है. नीतीश ने सोशल मीडिया पर बिहार की शिक्षा प्रणाली का मज़ाक उड़ाने को गलत बताया है और कहा कि नकल की इन कुछ तस्वीरों से बिहार की प्रतिभा का आंकलन नहीं किया जा सकता.
दरअसल मीडिया में कुछ दिनों से बिहार के कई जिलों जैसे हाजीपुर, सहरसा, नवादा और लखीसराय की तस्वीरें सामने आयीं हैं जिनमें बोर्ड परीक्षार्थी खुलेआम नक़ल करते दिखाई से रहे हैं. सहरसा में तो पुलिसवाले भी नकल की पुर्जी पहुंचाने में मदद करते दिखे. नवादा में महिला कर्मचारी पॉलीथीन बैग में पुर्जी लेकर वहां पहुंच गई जहां परीक्षा हो रही है. हालांकि कल बिहार के शिक्षा मंत्री पीके शाही ने कहा है कि सरकार नकल नहीं हो सकती है. सवाल ये है कि जब इंतजाम ऐसे होंगे तो नकल कैसे रूकेगी. बिहार में नकल पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बिहार सरकार से रिपोर्ट मांगी है.
नीतीश कुमार का ब्लॉग:
बिहार में मैट्रिक की परीक्षा में नकल की जो तसवीरें सामने आई हैं मैं उनके प्रत्येक पहलू के विरूद्ध हूँ. एक, इन तसवीरों में पूरे बिहार की कहानी नहीं है. बिहार के छात्र मेधावी हैं, और देश और दुनिया में अपनी प्रतिभा से अपनी जगह बनाते रहे हैं. नक़ल की कुछ तस्वीरें बिहार की प्रतिभा पर हावी नहीं हो सकतीं.
दो, प्रशासन अपने स्तर पर सचेत है और गड़बड़ी की खबर मिलते ही सरकार ने इस प्रक्रिया से जुड़ी प्रत्येक एजेंसी से पूरी सतर्कता और जवाबदेही से काम करने को कहा है. अतः प्रशासन के काम की छवि महज़ इन तस्वीरों से नहीं बल्कि पूरी प्रक्रिया को सुचारू ढंग से क्रियान्वित करने के आधार पर आंकी जानी चाहिए.
तीन, और सबसे अहम् बात. मैं बिहार में नक़ल में सहयोग देने वाले अभिभावकों, संबंधियों और मित्रों से कहूँगा कि अपनी गलत सोच से आप छात्र का और बिहार का नुकसान कर रहे हैं. नक़ल से मिले इस सर्टिफिकेट का असल जीवन में उपयोग नहीं होगा और इस तरह से उत्तीर्ण छात्र का मनोबल सदैव के लिए कमज़ोर रहेगा. नक़ल के प्रयास सदैव के लिए छात्र को नक़ल पर निर्भर करने की मानसिकता से बोझिल कर देंगे. अतः मैं अपील करूंगा कि नक़ल करने कराने का हिस्सा न बनें. छात्र सर्टिफिकेट से नहीं काबलियत से आगे बढ़ते हैं और इसके लिए परिवार और समाज को प्रेरणा भी देनी होगी और सहयोग भी.
मैं अपने स्तर पर पूरी तरह तत्पर होकर काम कर रहा हूँ ताकि बिहार के भविष्य का निर्माण छात्रों और युवाओं की प्रतिभा, कौशल और परिश्रम के बल पर हो. इसके लिए मैं बिहार के सभी लोगों से सहयोग की अपील करता हूँ.
जय बिहार, जय भारत.