नई दिल्ली. इसी हफ्ते 11 और 12 नवंबर को विएना में होने वाली परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की बैठक से पहले चीन ने फिर कहा है कि भारत की सदस्यता को लेकर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है. इस मुद्दे पर इसी हफ्ते ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में होने वाली अहम बैठक से पहले चीन ने साफ कह दिया है कि या तो भारत परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर करे या फिर गैर एनपीटी सदस्यों की एंट्री पर जब तक आम राय नहीं बन जाती, वह अपना रुख नहीं बदलेगा.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि इस शुक्रवार यानी 11.12 नवम्बर को विएना में एनएसजी के पूर्ण सत्र का आयोजन होगा. फिलहाल हमारे रूख में कोई बदलाव नहीं है. लू ने भारत और चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की 4 नवम्बर को हैदराबाद में हुई बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि चीन भारत सहित संबंधित पक्षों के साथ नजदीकी सम्पर्क में है और इस मुद्दे पर रचनात्मक बातचीत चल रही है.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कैंग ने चार नवंबर को हैदराबाद में भारतीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल उनके चीनी समकक्ष यांग जिएची के बीच हुई वार्ता का जिक्र करते हुए कहा कि चीन भारत समेत सभी संबंधित पक्षों के साथ निरंतर संपर्क में हैं और इस मुद्दे पर सहयोग और रचनात्मक बातचीत कर रहा है.
एनएसजी में भारत की सदस्यता मिलने को लेकर भारत के साथ दूसरे दौर की बातचीत के बाद पिछले सप्ताह चीन ने कहा था कि वह पहले एनपीटी पर दस्तखत नहीं करने वाले सभी देशों को सदस्यता देने का तरीका निकाले जाने की मांग करेगा, फिर भारत के आवेदन पर चर्चा करेगा.
बता दें कि 48-सदस्यीय एनएसजी की दो-दिवसीय बैठक के दौरान उस दो-स्तरीय प्रक्रिया पर चर्चा होने की संभावना है, जिसके तहत उन सदस्यों को संगठन में शामिल किया जा सकेगा, जिन्होंने एनपीटी पर दस्तखत नहीं किए हैं. एनएसजी की सदस्यता पाने की कोशिश कर रहे भारत और पाकिस्तान दोनों ने ही एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.