वाशिंगटन. अमेरिका के व्हाइट हाउस दुनिया में शक्ति का संतुलन तय करती है. व्हाइट हाउस की ये इमारत अब तक 44 राष्ट्रपति देख चुकी है. लेकिन सब यही मानते हैं कि ओबामा जैसा कोई प्रेसिडेंट कभी इस इमारत में आया ही नहीं है. वजह से उनका खास अंदाज, अब उनका कार्यकाल खत्म होने जा रहा है.
ओबामा का पूरा कार्यकाल चुनौतियों से भरा रहा है, चाहे 2008 की मंदी हो या फिर अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी, चाहे ओसामा को पाकिस्तान में घुसकर मारना हो या फिर बगदादी के इस्लामिक स्टेट से जंग, ओबामा को जब ज़रूरत पड़ी वो सख्त लहजे में बात करते दिखाई दिए. ओबामा ने हर मौके पर ये दिखाया कि वो असली विश्वनायक हैं. एक ऐसा नायक जो हंसता है, खेलता है, नाचता है जो वक्त के मुताबिक अपने किरदार को ढालना जानता है.
ओबामा का यही अंदाज उन्हें सबसे जुदा बनाता है वो गंभीर होते हैं लेकिन तभी जब गंभीर होने की ज़रूरत हो. बाकी वक्त को खुद को एक आम अमेरिकी की तरह दिखाने की कोशिश करते हैं. एक ऐसा इंसान जो बेपनाह ताकत का मालिक होने के बावजूद टहलता हुआ व्हाइट हाउस से बाहर निकलता है. सड़कों पर लोगों से मिलता है. बेतकल्लुफी के साथ किसी दुकान में दाखिल होता है और बर्गर खरीदकर खाता है.
ओबामा एक ऐसे प्रेसिडेंट जो देश के सबसे अहम और ताकतवर पद पर होने के बावजूद लोगों की भीड़ में बैठकर मैच देख लेते हैं. जो अपनी टीम के गोल करने पर खुशी से खुले आम पत्नी को चूम लेते हैं. जो हर पल इतने सहज रहते हैं कि लगता ही नहीं वो सचमुच एक राष्ट्रपति हैं. ओबामा की लीडरशीप का लोहा तो दुनिया मानती है.
ओबमा रानीतिक और कूटनीतिक तौर पर तो दुनिया के सबसे बड़े खिलाड़ी तो हैं ही, लेकिन खेल के मैदान में भी ओबामा का कोई जवाब नहीं है. बचपन से ही ओबामा को बास्केट बॉल का शौक रहा है और 55 साल की उम्र में भी वो किसी माहिर बास्केट बॉल खिलाड़ी से कम नहीं खेलते हैं.
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