नई दिल्ली. दिवाली के बाद से ही दिल्ली-एनसीआर की हवा में स्मॉग नाम का जहर फैल गया है. यह प्रदूषित हवा इतनी जहरीली है कि पॉल्यूशन कंट्रोल एजेंसियों के ही नहीं बल्कि सरकार के भी होश उड़ गए हैं. यह हवा इंसानों के साथ-साथ जानवरों के लिए भी खतरनाक हो गई है. इस हिसाब से दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है.
शहर की हवा की क्वॉलिटी निचले स्तर पर पहुंच गई. हवा में मौजूद कई किस्म के छोट कण बहुत खराब हो चुके हैं. हालांकि शहर की हवा में सल्फर डाई ऑक्साइड (एसओटू) की मात्रा फिलहाल नियंत्रण में है.
अगर राजधानी के हालात जल्द नहीं सुधरे तो लंदन में 1952 में हुई हजारों मौतों जैसी स्थिति बन सकती है. सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वॉयरामेंट की अनुमित्रा रॉय चौधरी ने कहा, ‘लंदन में 1952 में स्मॉग की वजह से 4,000 लोगों की असामयिक मौत हो गई थी. तब एसओटू का स्तर काफी ऊंचा होने के साथ-साथ पीएम लेवल 500 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गया था.’
यहां एसओटू भले ही उतना ज्यादा हो, लेकिन दिवाली पर हवा में कई तरह की गैसों का स्तर काफी बढ़ गया है. कुल मिलाकर दिल्ली की हवा जहरीली कॉकटेल में बदल चुकी है. अगर प्रदूषण का यह स्तर बरकरार रहा तो दिल्ली में भी सांस से संबंधित बीमारियों के कारण कई लोगों की मौत हो सकती है.’