नई दिल्ली. जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान की तरफ से जो गोले बरसाए जा रहे हैं और गोलियां चलाई जा रही हैं, उससे हमारे अपने लोगों की जान पर बन आई है. इंडिया न्यूज के रिपोर्टर एलओसी और बार्डर के पास हर जोखिम उठाकर देश के सामने उस खौफनाक सच को रखने की लगातार कोशिश कर रहे हैं.
भारत के सरहदी क्षेत्रों में कहीं से, कभी भी गोली आ जाती है. किसी भी वक्त गोले फट जाते हैं और बेकसूर बेगुनाह लोग जान बचाने के लिए बदहवास भागते हैं और उन्हें यह भी नहीं पता होता कि जिधर भाग रहे हैं उधर भी गोले गिर सकते हैं.
इंडिया न्यूज के जांबाज़ रिपोर्ट्स की लाइव रिपोर्ट आपके सामने रखना चाहते हूं- बस इतना बताने के लिये कि मुल्क सबसे बडा होता है और हमारा सबसे बड़ा फर्ज मुल्क के किसी भी नागरिक की जान पर बने खतरे से हमारी सरकार और देश को वाकिफ कराना है. ऐसा करते समय अगर हमारी जान पर भी बन आती है तो आए.
इंडिया न्यूज रिपोर्टर मोर्टार शेल के धमाके की चपेट में आते आते बचे. कैसे जान पर खेलकर सुमित चौधरी माछिल की उन पहाड़ियों पर पहुंचे. जहां शहीद भारतीय जवान मंदीप सिंह के शव के साथ पाकिस्तानियों ने हैवानियत की थी. कैसे इंडिया न्यूज संवाददाता राजेश कुमार उस स्कूल में पहुंचे जिसमें सौ से ज्यादा बच्चों की जिंदगी बस बच ही गई थी.
मेंढर का ढराणा गांव का भूगोल ऐसा है कि बीच में एक खाई है और दूसरी छोड़ पर पाकिस्तान है. पाकिस्तानी रेंजर्स के पोस्ट हैं. वहां पाकिस्तानी SSG के स्नाइपर्स खड़े होते हैं. राजीव…ऐसी जोखिम भरी इस जगह में किसी तरह छिपते-छिपाते मो.सलीम के घर पहुंचे.
इस ताजा मुद्दे पर जानिए पूरा सच इंडिया न्यूज के मैनेजिंग एडिटर राणा यशवंत के साथ खास शो “अर्ध सत्य” में.
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