नई दिल्ली. आप नींद से काफी पहले भले ही जाग गए हों, लेकिन आपकी आंखें पूरी तरह से नहीं खुल पा रही होंगी. आप अपने घर के बाहर खड़े होंगे, लेकिन घर में घुसने के लिए दरवाजा नहीं खोज पा रहे होंगे. आप इंडिया गेट पर खड़े होंगे, लेकिन आपकी आंखें इंडिया गेट को नहीं खोज पा रही होंगी.
आप लाल किला के बिल्कुल सामने होंगे, फिर भी लालकिला नहीं देख पाएंगे. और इसकी वजह है ऐसा भी होता है. आप सिगरेट भले ही नहीं पीते हों, उसके धुएं से कितनी ही एलर्जी क्यों ना हो, लेकिन फिर भी एक दिन में 45 सिगरेट जितना जहरीला धुंआ आपके फेफड़ों में जा रहा है, क्योंकि ऐसा भी होता है.
राजधानी दिल्ली में सांस लेना मुश्किल हो गई है, ये बात आपको हजम नहीं होगी, लेकिन ऐसा भी होता है और ऐसा हो भी रहा है. आलम ये है कि दिल्ली की यमराज हवा ने लोगों का सड़कों पर निकलना भी दूभर कर दिया है. दिल्ली की यमराज हवा के आगे बस और कार की सवारी भी सुरक्षित नहीं.
शनिवार रात प्रदूषण का स्तर 999 के पार चला गया. दिल्ली एनसीआर में धूल और धुंध के चलते विजिबिलिटी इतनी कम हो गयी है कि सड़कों पर गाड़ियों की रफ्तार थम गई है. इस दम घोंटू हवा से बचने के लिए लोग मॉर्निंग वॉक के दौरान भी मास्क पहनने पर मजबूर हैं. अक्षरधाम हो या आर के पुरम चाणक्यपुरी हो या लोधी रोड दिल्ली का चप्पा चप्पा यमराज हवा की चपेट में है.