जम्मू. भारत-पकिस्तान के बीच बढे तनाव का खामियाजा नियंत्रण रेखा के पास बसे गावों को उठाना पड़ता है. पर नियंत्रण रेखा पर एक जगह ऐसी भी है जहां आज तक पाकिस्तान की तरफ से चला कोई भी बम नहीं फटा.
पाकिस्तान की तरफ से आये दिन होती संघर्ष विराम के उल्लंघन की घटनाओं की सबसे बड़ी मार सीमा पर रह रहे आम लोग सहते है. सीमा पार से हो रही गोलाबारी में इन लोगों के घर और खेती तबाह हो जाती है.
अपनी जान बचाने के लिए ज्यादार लोग सुरक्षित जगहों की तरफ चले जाते है. ऐसी ही एक जगह साईं बाबा मैरा बक्श की दरगाह जहां कभी भी पाकिस्तान की तरफ से कोई भी बम आ कर नहीं गिरा. ये दरगाह सीमा से सटे पुंछ जिले की हवेली तहसील के गांव गुंतारियां में स्थित है.
शेर्लिंग के वक़्त लोग इसी दरगाह में आ जाते है. पाकिस्तानी सेना की रेंज में सीधे आने के बाद भी आज तक कोई भी मोर्टार यहां नहीं गिरा. गांव के लोग इसे बाबा की बक्श मानते है. ग्रामीणों का कहना है की पकिस्तान के लोगों की भी इस दरगाह में अटूट आस्था है.
यह दरगाह बाबा बक्श के निधन के बाद 1986 में बनायीं गयी थी. बाबा बक्श 50 के दशक में पाकिस्तान से पलायन करके यहां आये थे और यही बस कर रह गए. पहले तो लोग उनके पास नहीं जाते थे पर धीरे-धीरे उनकी मान्यता बढ़ती गई और लोगो का उनके पास जाना बढ़ता चला गया.
गांव के ही रहने वाले कबीर खान बताते है कि 1971 की जंग के वक्त बाबा ने गांववासियों से कहा था कि डरने की कोई जरूरत नहीं यहां कुछ नहीं होगा और हुआ भी बिलकुल ऐसा.
एक अन्य ग्रामीण जाहिद बताते है की बाबा की दरगाह के ठीक सामने पाकिस्तान की पोस्ट है पर यहां कभी उस पर से कोई बम नहीं गिरा. पाकिस्तान से जो लोग इस तरफ अपने रिश्तेदारों से मिलने आते है. वो भी बाबा की दरगाह पर मत्था टेक कर जाते है.