ईडी ने शुरू की टाटा और डोकोमो के बीच हुए करार की जांच

प्रवर्तन निदेशालय ने टाटा टेलीसर्विसेस और जापानी कंपनी एनटीटी डोकोमो के बीच हुए समझौते की जांच कर रहा है. ईडी इस बात की जांच करेगा की कही ये करार फेमा(विदेशी मुद्रा प्रदर्शन कानून) कानूनों का उल्लंघन तो नहीं है.

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ईडी ने शुरू की टाटा और डोकोमो के बीच हुए करार की जांच

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  • November 6, 2016 10:36 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय ने टाटा टेलीसर्विसेस और जापानी कंपनी एनटीटी डोकोमो के बीच हुए समझौते की जांच कर रहा है. ईडी इस बात की जांच करेगा की कही ये करार फेमा(विदेशी मुद्रा प्रदर्शन कानून) कानूनों का उल्लंघन तो नहीं है.
 
सूत्रों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय को इस बारे में एक लिखित शिकायत मिली थी. इस मामले की जांच के लिए निदेशालय ने एक उपनिदेशक स्टार के अधिकारी को नियुक्त किया है.
 
अगर जांच में ये आरोप सही पाये गए तो ईडी दोनों कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर सकता है और जवाब से संतुष्ट ना होने पर जुर्माना भी लगा सकती है.
 
दरअसल ये पूरा मामला 2009 का है, जहां टाटा टेलीसर्विसेस और डोकोमो के बीच एक समझौता हुआ था. इस समझौते के तहत डोकोमो ने 18000 करोड़ का निवेश कर टाटा टेली में 26.5 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी.
 
जिसके बदले में टाटा को डोकोमो को निश्चित सालाना लाभ और बाद में डोकोमो के शेयर तय रेट पे वापस खरीदने थे. लेकिन जब टाटा ने 7000 करोड़ रूपए में डोकोमो के शेयर का बड़ा हिस्सा खरीदना चाहा तो रिजर्व बैंक ने इसकी अनुमति नहीं दी.
 
जिसके बाद डोकोमो ने टाटा पर ब्रिटेन और अमेरिका में केस कर दिया. लन्दन में आर्ब्रिट्रेशन का फैसला डोकोमो के पक्ष में आया. जिसे टाटा ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी. केंद्र सरकार की तरफ से भी मसले को सुलझाने की कोशिश की गयी पर बात नहीं बन पायी. 
 
ईडी की जांच शुरू होने के बाद लग रहा है ये मामला अब और आगे बढ़ सकता है. जब तक ईडी ये साफ नहीं कर देता है कि ये फैसला फेम नियमों के अनुरूप है. टाटा टेली डोकोमो से वापस शेयर नहीं खरीद सकती. 

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