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NHRC में पहली बार किसी नेता की एंट्री कराएगी BJP !

भाजपा के नेता अविनाश राय खन्ना को जल्द ही नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन (NHRC) का मेंबर चुना जा सकता है. इंडियन एक्सप्रेस अखबार के अनुसार भाजपा उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना की अगले कुछ दिनों में आयोग सदस्य के रूप में नियुक्ति हो सकती है. अविनाश भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष हैं. वह जम्मू कश्मीर में पार्टी के इंचार्ज भी हैं. वह इस साल के अप्रैल तक राज्य सभा के सदस्य भी रहे हैं.

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  • November 6, 2016 6:04 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. भाजपा के नेता अविनाश राय खन्ना को जल्द ही नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन (NHRC) का मेंबर चुना जा सकता है. इंडियन एक्सप्रेस अखबार के अनुसार भाजपा उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना की अगले कुछ दिनों में आयोग सदस्य के रूप में नियुक्ति हो सकती है. अविनाश भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष हैं. वह जम्मू कश्मीर में पार्टी के इंचार्ज भी हैं. वह इस साल के अप्रैल तक राज्य सभा के सदस्य भी रहे हैं.
 
NHRC के एक पूर्व सदस्य ने अविनाश का नाम सामने आने पर विरोध जाहिर किया है. उन्होंने कहा कि किसी राजनेता के इसमें शामिल होने पर कोई रोक नहीं है. लेकिन फिर भी उनको चुनना सवालों के घेरे में है. यह गलत संदेश देता है. क्या कमेटी को कोई ऐसा नहीं मिला जिसका राजनीति से कोई संबंध ना हो?
 
बता दें कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष सदस्य एक उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा चुना जाता है, जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते है. इसमें लोकसभा स्पीकर, केंद्रीय गृहमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता, राज्यसभा के विपक्ष के नेता और राज्यसभा के उपसभापति शामिल होते हैं. संविधान के अनुसार किसी भी पूर्व चीफ जस्टिस को आयोग का चेयरपर्सन बनाया जा सकता है. इसमें चार फुल टाइम मेंबर होते हैं. इसमें सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज, हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस के अलावा दो और सदस्य शामिल होते हैं, जिन्हें मानव अधिकार से संबंधी जानकारी होनी चाहिए.
 
बता दें कि पंजाब में शिरोमणि आकाली दल और बीजेपी की गठबंधन सरकार ने अविनाश को पंजाब राज्य के ह्यूमन राइट कमीशन का मेंबर बनाया था. हालांकि, उन्होंने 13 महीने बाद राज्यसभा सांसद चुने जाने के बाद ही उस पोस्ट से इस्तीफा दे दिया था. 
 
इससे पहले जब बीजेपी विपक्षा में थी तब उसकी तरफ से सरकार पर दवाब डाला जाता था कि वह किसी ऐसे को ना चुने जिसके राजनीति से संबंध हों. 2013 में तब के राज्यसभा के विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज Cyriac Joseph को ना चुनने के लिए कहा था. इसके लिए जेटली ने लिखित में दिया था कि जोफस कुछ राजनीतिक और धार्मिक संगठनों के करीबी हैं.
 

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