नई दिल्ली. भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और चीनी समकक्ष यांगे जेईची के बीच सीमा विवाद, साझा हितों और आतंक पर बातचीत हुई पर जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर पर नहीं. शनिवार को डोभाल और यांगे जेईची के बीच मुलाकात के बाद एक आधिकारिक बयान भी जारी किया. इस बयान में आतंकवाद से लड़ने और आपसी साझा हितों पर हमेशा उच्च स्तरीय संपर्क बनाए रखने की बात कही गई है.
हालांकि इस आधिकारिक बयान में आतंकी अजहर को बैन करने या फिर न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप (एनएसजी) में भारत की एंट्री जैसे मुद्दों पर खामोश रही. डोभाल ने शुक्रवार को हैदराबाद में अपने जेईची से मुलाकात की थी, पिछले दो महीनों में जेईची का यह तीसरा भारत दौरा था.
दोनों देशों ने भारत-चीन के बीच सीमा विवाद के मसले पर अजित डोभाल और यांगे जेईची को स्पेशल रेप्रिज़ेंटटिव बनाया गया है. दोनों के बीच हुई इस मुलाकात के बाद विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने आर्थिक, रक्षा, राजनीतिक और आतंकवाद निरोध के क्षेत्रों में सम्पर्क बनाए रखने को बरकरार रखने पर सहमति जताई गई है.
बता दें कि इस बात की आधिकारिक रूप से किसी भी प्रकार की कोई पुष्टि नहीं की गई है कि क्या दोनों पक्षों ने चीन द्वारा भारत के एनएसजी में प्रवेश को रोके जाने या पठानकोट आतंकी हमले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा बैन करने के भारत के प्रयासों को रोके जाने जैसे विवादास्पद मुद्दों पर चर्चा की.