योग के खिलाफ फतवा नहीं, फिर फसाद क्यों?

नई दिल्ली. योग सेहतमंद रहने के लिए है या फिर योग से किसी खास धर्म की नुमाइंदगी होती है, इस सवाल पर पिछले कई दिनों से पूरे देश में बड़ी बहस छिड़ी है मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का एक धड़ा ये कहकर 21 जून को होने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का विरोध कर रहा है […]

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योग के खिलाफ फतवा नहीं, फिर फसाद क्यों?

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  • June 11, 2015 4:33 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago

नई दिल्ली. योग सेहतमंद रहने के लिए है या फिर योग से किसी खास धर्म की नुमाइंदगी होती है, इस सवाल पर पिछले कई दिनों से पूरे देश में बड़ी बहस छिड़ी है मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का एक धड़ा ये कहकर 21 जून को होने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का विरोध कर रहा है कि इसमें सूर्य नमस्कार होता है, और मुस्लिम सिर्फ अल्लाह की इबादत करते हैं.

अब योग दिवस से सूर्य नमस्कार को नमस्ते कह दिया गया है और दारुल उलूम देवबंद ने भी योग दिवस पर फतवा जारी करने से इनकार कर दिया है, फिर भी बवाल है कि थम नहीं रहा है. इसी मामले पर आज के ‘टुनाईट विद दीपक चौरसिया’ में चर्चा की गई कि जिस योग दिवस को दुनिया के 47 बड़े इस्लामिक देश भी मना रहे हैं, उस पर अपने ही वतन में हाय तौबा क्यों है ?

 

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