नई दिल्ली. ओएनजीसी के ब्लॉक से गैस निकालने का दोषी पाए जाने के बाद केंद्र सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज और इसकी साझेदार-ब्रिटिश पेट्रोलियम व नीको रिसोर्सेज पर लगभग 1.6 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया है. भारतीय करेंसी में ये रकम 10,385 करोड़ रुपए बैठती है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार पेट्रोलियम मंत्रालय ने गुरुवार को आरआईएल को नोटिस जारी किया है. रिलायंस पर आरोप है कि वह केजी बेसिन में ओएनजीसी के ब्लॉक से सात वर्षो तक गैस निकालती रही. आरआइएल और ओएनजीसी के गैस ब्लॉक आसपास ही हैं.
पेट्रोलियम मंत्रालय ने अमेरिकी एजेंसी डीगोलयर और मैगनॉटन की रिपोर्ट के आधार पर यह नोटिस जारी किया है. इस मामले में मुकेश अंबानी की कंपनी आरआइएल ने कहा है कि वह सरकार की ओर से दिए गए नोटिस को आर्बिट्रेशन में चुनौती देगी.
इससे पहले न्यायाधीश एपी शाह समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने आंध्र प्रदेश तट के समीप बंगाल की खाड़ी में कृष्णा गोदावरी (केजी) बेसिन के अपने ब्लॉक से सटे ओएनजीसी ब्लॉक की प्राकृतिक गैस पिछले सात साल तक निकालती रही और इसके लिए उसे सरकार को भुगतान करना चाहिए.