नई दिल्ली. दिल्ली की जामा मस्जिद में नार्थ-ईस्ट की महिला के साथ भेद-भाव का मामला सामने आया है. महिला के अनुसार उससे जामा मस्जिद में प्रवेश के लिए 300 रूपए मांगे गए.
इस महिला का नाम नियांग है. इन्होंने एक वीडियो के माध्यम से अपने और साथियों के साथ हुए इस भेदभाव को साझा किया है. उनके अनुसार जब वह अपने कुछ दोस्तों के साथ पुरानी दिल्ली स्थित जामा मस्जिद पहुंची तो उनसे कुछ लोगों ने फ़ोन अंदर ले जाने के लिए 300 रूपए की मांग की.
ये पूरा वाकया 1 नवम्बर का है. विडियो में नियांग कह रही है कि सिर्फ उनके ग्रुप के लोगों से पैसे मांगे जा रहे है जबकि और लोग बिना किसी रोक टोक के मस्जिद के अंदर जा रहे है. वह आगे कह रही है,’क्या ऐसा सिर्फ इसलिए हो रहा है क्योंकि वह नॉर्थ-ईस्ट से है या उनके ग्रुप में ज्यादातर लोग विदेशी है.
नियांग ने बताया की उन्होंने इस बारे में पास में ही खड़े एक पुलिस वाले को सूचित किया जिसके बाद उस पुलिस वाले ने वहां खड़े लोगों को चेताया की मस्जिद में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं है, पर उन लोगों के ऊपर पुलिस वाले की बात का कोई असर नहीं हुआ.
जिसके बाद उस पुलिस वाले ने उन्हें इस सम्बन्ध में प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखने को कहा. नियांग ने ये भी कहा की कुछ लोगों ने उनसे ये भी पूछा की क्या वह नेपाल या जापान से है.
घटना पर गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू का कहना है कि गृह मंत्रालय ने उत्तर-पूर्व के लोगों के साथ हो रहे भेद-भाव को खत्म करने के लिए काफी कदम उठाये है लेकिन ये अभी भी रूक नहीं रहा है.
दिल्ली में उत्तर-पूर्व के लोगों के साथ भेद-भाव का ये पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी उत्तर-पूर्व के लोगों के साथ मार-पीट और छेड़खानी की घटनायें हो चुकी है.