नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते दो दिन के जापान दौरे पर जाने वाले हैं. इस दौरान दोनों देश असैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि इस बहुप्रतीक्षित समझौते के लिए दोनों देशों की तरफ से कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई है.
बता दें कि जापानी प्रधानमंत्री शिंजो के पिछले साल दिसंबर में भारत दौरे के दौरान असैन्य परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक व्यापक समझौते पर बात बन चुकी थी. कुछ तकनीकी और कानूनी मुद्दों के कारण अंतिम सौदे पर अभी तक हस्ताक्षर किए जाने बाकी थे. अब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप के अनुसार दोनों देशों के समझौते के कानूनी और तकनीकी पहलुओं सहित आंतरिक प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया गया है.
विकास स्वरूप ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सितंबर में जापान-भारत सांसदों की मैत्री लीग में दोनों देशों के विधायिकाओं के बीच हुई बातचीत का स्वागत किया था. इसके अलावा मोदी ने राज्य स्तरीय विधायिकाओं के बीच आदान-प्रदान को मजबूत बनाने का आह्वान किया था. बता दें कि 2011 में फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र में आपदा के बाद भारत के साथ परमाणु करार की दिशा में आगे बढ़ने के विरूद्ध राजनीतिक विरोध के स्वर हैं.