नई दिल्ली. भोपाल जेल से भागे आठ आतंकियों के मारे जाने पर कई सवाल उठ रहे हैं. उनके एनकाउंटर की जांच कराने की मांग की गई है. दरअसल, एनकाउंटर का मसला हमेशा से चर्चित रहा है. इससे जुड़े कुछ आंकड़े भी मौजूद हैं.
राष्ट्रीय मानवाधिकार अयोग के आंकड़े बताते हैं कि साल 2004-05 और 2013-14 के बीच 1,654 एनकाउंटर किए गए हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक लगभग हर दूसरे दिन एक एनकाउंटर हुआ है. साल 2014-15 और 2015-16 के इस तरह के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं.
प्रताड़ना और मानवाधिकार के भी आंकड़े
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में भी अप्रैल और जून 2014 के बीच आठ लोगों के मारे जाने की बात कही गई थी. एनकाउंटर के आंकड़ों में सेना या अर्धसैनिक बलों के तहत होने वाले एनकाउंटर शामिल नहीं किए गए हैं.
इसी तरह के आंकड़े कस्टडी में होने वाली मौतों के भी हैं. साल 2013-14 से जून 2016 तक के आकड़ों के अनुसार इन सालों में पुलिस कस्टडी में करीब 470 लोग मारे गए. इसके अलावा प्रताड़ना की 1,358 शिकायतें भी दर्ज की गई हैं. एनसीआरबी के 2015 के जेल संबंधी आंकड़ों के अनुसार एनएचआरसी को कई राज्यों से कैंदियों की मानवाधिकार उल्लंघन संबंधी 800 शिकायतें मिली हैं.