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टीपू जयंती मनाये जाने पर कर्नाटक हाई कोर्ट का सवाल, क्या स्वतंत्रता सैनानी था टीपू सुलतान?

कर्नाटक. टीपू सुलतान स्वतंत्रता सैनानी नहीं बल्कि एक सम्राट था जो कि सिर्फ अपने हितों के लिए लड़ा. ऐसे में टीपू जयंती मनाने का क्या औचित्य है. यह टिपण्णी करते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट ने बुधवार को राज्य सरकार से एक बड़ा सवाल किया.   कोर्ट टीपू जयंती मनाये जाने के पीछे का तर्क जानना चाहता था. दक्षिण कोडागू निवासी […]

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  • November 2, 2016 4:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
कर्नाटक. टीपू सुलतान स्वतंत्रता सैनानी नहीं बल्कि एक सम्राट था जो कि सिर्फ अपने हितों के लिए लड़ा. ऐसे में टीपू जयंती मनाने का क्या औचित्य है. यह टिपण्णी करते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट ने बुधवार को राज्य सरकार से एक बड़ा सवाल किया.
 
कोर्ट टीपू जयंती मनाये जाने के पीछे का तर्क जानना चाहता था. दक्षिण कोडागू निवासी केपी मंजूनाथ ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका इस सम्बन्ध में दाखिल की थी. इस याचिका के जरिये मंजूनाथ ने 10 नवम्बर को टीपू सुल्तान की जयंती मनाने के कर्नाटक सरकार के फैसले को चुनौती दी थी. 
 
बता दें कि कांग्रेस की  सत्तारूढ़ सरकार ने पिछले साल टीपू जयंती मनाने का फैसला किया था. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मुखर्जी ने कोडागू और राज्य के अन्य हिस्सों में साम्प्रदायिक हिंसा होने की आशंका के बीच इस तरह के आयोजन पर सवालिया निशान लगाया है. 
 
वहीं सरकारी वकील का कहना था कि टीपू सुलतान एक महान योद्धा था जिसने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और इसके जवाब में याची के वकील टीपू को एक तानाचाह शासक के तौर पर याद किया जाता है जिसने  कोदवा, कोंकणी और ईसाई सहित कई समुदायों के लोगों को मौत के घाट उतारा था.

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