नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर 1984 के सिख विरोधी दंगों की फिर से जांच करने की मांग की है. आप ने मोदी को लिखा है कि वह 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामलों को फिर से खोलें और पिछले साल 12 फरवरी को केंद्र की ओर से गठित एसआईटी से जांच कराई जाए.
आप नेता जरनैल सिंह ने मंगलवार को मोदी को खत लिखकर कहा कि मोदी सरकार या तो अगले तीन महीनों के अंदर एसआईटी से जांच कराए और उन सभी मामलों को खोला जाए जिन्हें पुलिस ने राजनीतिक दबाव में दबा दिए थे या तो एसआईटी गठित करने का काम आप पर सौंप दे.
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इसके अलावा आप ने तीन नवंबर को मोहाली में दंगे प्रभावित लोगों को इंसाफ दिलान के लिए एक दिन की भूख हड़ताल करने का भी एलान किया है.
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पहले भी आप ने एसआईटी गठित करने की मांग की थी
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने छह जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर एसआईटी को ढकोसला करार दिया था. केजरीवाल ने लिखा था, “एसआईटी एक भी मामले को खोलने में नाकाम रही है. मैं आपसे आग्रह करता हूं कि या तो आप अपने एसआईटी को कुछ करने दें या कृपा करके इस एसआईटी को खत्म करके दिल्ली सरकार को उचित जांच और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए एसआईटी गठित करने दें.”
कितने सिखों की हुई थी हत्या
इंदिरा गांधी की सिख अंगरक्षकों द्वारा 31 अक्टूबर 1984 को हत्या किए जाने के बाद दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में हुए दंगों में 3 हजार 325 लोग मारे गए थे. अकेले दिल्ली में 2733 लोगों की हत्या हुई थी. दिवंगत एच. के. एल. भगत, सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर सहित कांग्रेस के कई नेता इन दंगों में शामिल रहने और अपराध में संलिप्तता के आरोपी बनाए गए थे. मई में केंद्र सरकार ने सिख विरोधी दंगों से प्रभावित ऐसे 1020 परिवारों का मुआवजा बढ़ाने की स्वीकृति दे दी थी जो देश के अलग-अलग राज्यों से विस्थापित होकर पंजाब चले गए थे.
माथुर कमेटी का किया था गठन
नरेंद्र मोदी सरकार ने 2014 दिसंबर में सिखों की विभिन्न शिकायतों को देखने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश जी. पी. माथुर कमेटी का गठन किया था. इसकी अनुशंसा पर केंद्र सरकार ने पीड़ित परिवारों के सदस्यों का कौशल विकास मंत्रालय और पंजाब सरकार के जरिए कौशल विकास करने या पहले से हुनरमंद हैं तो उसे और बढ़ाने का आदेश दिया था.
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