नई दिल्ली. विवादित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाईक की मुश्किलें बढ़ गई है. सूत्रों की माने तो गृह मंत्रालय जल्द ही जाकिर की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के विदेशी फंड पर रोक लगाने वाला है. इसके अलावा गृह मंत्रालय ने संस्था को अंतिम कारण बताओ नोटिस जारी कर एफसीआरए लाइसेंस रद्द किए जाने कि प्रक्रिया शुरू कर दी है.
इसके साथ ही मंत्रालय ने जाकिर के एक और एनजीओ आईआरएफ एजुकेशनल ट्रस्ट को पूर्व अनुमति श्रेणी में रखने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. ऐसा करने से यह संस्था बिना सरकार की अनुमति के किसी भी तरह का विदेशी चंदा इकट्ठा नहीं कर पाएगी.
गिरफ्तारी के डर से पिता के जनाजे में भी शामिल नहीं हुआ विवादित धर्मगुरु जाकिर नाईक
सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि कुछ जांच में यह सामने आया है कि नाईक संस्थओं में आने वाले पैसे का उपयोग युवाओं में कट्टरपंथी की भावना भरने के लिए और उन्हें आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसाने में करता था.
बता दें कि जुलाई में बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुए आतंकी हमले के बाद यह खबर आई थी कि हमले में शामिल कुछ आतंकी जाकिर नाईक के उपदेशों से प्रभावित थे. जाकिर पर भड़काऊ भाषण देने के भी कई मामले दर्ज हैं. गिरफ्तारी के डर से ही जाकिर अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए भारत नहीं आया, वह इस समय मलेशिया में है.
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