श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में हिंसा के बीच पिछले दो महीनों में 25 स्कूल जलाए जा चुके हैं. अब राज्य के हाई कोर्ट को सरकार को स्कूल बचाने के लिए निर्देष देने पड़े हैं. हाई कोर्ट ने 115 दिनों से फैले तनाव के बीच स्कूलों को जलाए जाने की घटना पर स्वत: संज्ञान लिया है.
अदालत की एक खंडपीठ ने कहा कि यहां मौजूद तीनों अधिकारियों को यह आदेश दिया जाता है कि अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर शिक्षण संस्थानों की सुरक्षा के लिए प्रभावी तरीकों पर विचार करें. ये निर्देश पुलिस महानिरीक्षक, संभागीय आयुक्त और कश्मीर के स्कूली शिक्षा निदेशालय को दिए गए.
बुरहान वानी की मौत से तनाव
रविवार को कश्मीर के कंबामार्ग हायर सेकेंड्री स्कूल को जला दिया गया था. वहीं, पिछले हफ्ते तीन स्कूल आग के हवाले किए गए थे. हालांकि, पिछले चार महीनों से स्कूल बंद होने के कारण लोगों को नुकसान नहीं हुआ है. बता दें कि जुलाई में हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से घाटी में अशांति का माहौल है और अब बच्चों के भविष्य को निशाना बनाया जा रहा है.
वहीं, इन हमलों के पीछे अलगाववादियों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. जम्मू कश्मीर के शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने कहा कि कश्मीर के असहाय लोगों के खिलाफ इस बड़ी साजिश के स्रोत की जांच करने की जरूरत नहीं है. ये वही लोग हैं, जो दुकान व वाहन जलाने, पथराव करने और नागरिकों को धमकाने के लिए प्रोत्साहन दे रहे थे. हालांकि अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने सोमवार को कहा कि स्कूलों पर हमला करने वालों को ढूंढ कर सजा देनी चाहिए.