नई दिल्ली. विवादित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाईक के पिता अब्दुल करीम नाईक का रविवार को निधन हो गया, लेकिन उनके अंतिम संस्कार में भी उनके बेटे जाकिर नाईक ने उन्हें कंधा नहीं दिया. जाकिर नाईक गिरफ्तार की डर से भारत नहीं आया. इस समय वह मलेशिया में है.
जाकिर के पिता अब्दुल करीम नाईक ने मुम्बई के एक अस्पताल में अंतिम सांसें ली. अब्लुल पेशे से फिजिशयन और शिक्षाविद थे. वे बॉम्बे साइकिएट्रिक सोसाइटी के प्रेसिडेंट भी रह चुके थे.
वहीं अब्दुल करीम के निधन पर जाकिर के नहीं आने पर आइआरएफ (इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन) के मैनेजर मंजूर शेख ने कहा कि दो दिनों से उनका ब्लड प्रेशर कम हो गया था और उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. यह सब काफी जल्दी हुआ इसलिए जाकिर शामिल नहीं हो पाया.
उन्होंने आगे कहा कि डॉक्टर करीम की जिंदगी को शब्दों में बयां करना नामुमकिन है. वे मुस्लिमों के ही नहीं बल्कि हिन्दुओं के भी थे. नहीं किया जा सकता, वे जितने मशहूर मुस्लिम लोगों में थे उतने ही हिंदुओं में भी थे. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
बता दें कि जुलाई में बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुए आतंकी हमले के बाद यह खबर आई थी कि हमले में शामिल कुछ आतंकी जाकिर नाईक के उपदेशों से प्रभावित थे. जाकिर पर भड़काऊ भाषण देने के भी कई मामले दर्ज हैं.