नई दिल्ली. पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी महमूद अख्तर के कबूलनामे से जुड़ी हुई महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है. महमूद अख्तर से पूछताछ के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सांसद चौधरी मुनव्वर सलीम के पीए फरहत को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने पाक जासूसी कांड में हिरासत में ले लिया गया है.
रक्षा मंत्रालय से जुड़े दस्तावेज महमूद अख्तर को दिए
मुनव्वर सलीम के पीए फरहत पर विदेश मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय से जुड़े दस्तावेज महमूद अख्तर को देने का आरोप है. इसके लिए पीए फरहत को दो लाख रुपए भी दिए गए थे. पूछताछ में अख्तर ने बताया है कि फरहत बीते ढाई साल से उसे ये गुप्त दस्तावेज सौंप रहा था. सूत्रों के अनुसार फरहत को जो दो लाख रुपए इसके लिए दिए रहे थे वह इंस्टॉलमेंट्स में दिए गए थे. फरहत का परिचय महमूद अख्तर से उसके पूर्ववर्ती फियाज ने करवाया था.
मुनव्वर सलीम और PA फरहत हिरासत में
मेहमूद अख्तर की CDR में पीए फरहत का नंबर मिला और इसके बाद उसके साथ पूछताछ की गई. इस वक्त सपा नेता मुनव्वर सलीम और सांसद के पीए फरहत को क्राइम ब्रांच ने हिरासत में लिया है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फरहत को मुनव्वर सलीम के सरकारी आवास से हिरासत में लिया.
कानून के मुताबिक हो कार्रवाई
सपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि अगर सांसद का पीए दोषी है तो उस पर केस दर्ज कर कानून के मुताबिक कार्रवाई हो और दोषी पाए जाने पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो. वहीं, महमूद अख्तर को पूछताछ के बाद पाकिस्तान भेज दिया गया है.
महमूद अख्तर को नहीं किया गया गिरफ्तार
महमूद अख्तर को इसलिए अरेस्ट नहीं किया गया है क्योंकि उसे डिप्लोमैटिक इम्यूनिटी हासिल है. हालांकि उसने दिल्ली पुलिस के सामने जासूसी में अपनी भूमिका को स्वीकार कर लिया है. अख्तर ने पुलिस को बताया कि वह पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से वह भारत की गुप्त सुचनाओं की जासूसी में शामिल था. दिल्ली पुलिस ने महमूद अख्तर के बयान की विडियो रिकॉर्डिंग भी की है.
लड़कियों का इस्तेमाल करता था पाक उच्चायुक्त का अधिकारी
पाकिस्तानी उच्चायुक्त से चल रहे जासूसी रैकेट में लोगों को फंसाने के लिए हनी ट्रैप की बातें भी सामने आ रही है. महमूद अख्तर असल में ISI एजेंट था. उसी साजिश के तहत ही ISI ने उसे भारत में भेजा. अख्तर और उसके तीन साथी बीएसएफ और आर्मी की जासूसी कराने के मकसद से लोगों को लड़कियों के जरिए फंसाने का काम करते थे. अख्तर यह गुप्त जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी तक पहुंचा देता था. दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम इस एंगल से भी बारीकी से जांच करने में जुट गई है.
पाकिस्तान के उच्चायुक्त को दी सारी जानकारी
फिलहाल इस मामले में महमूद अख्तर को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है क्योंकि उसे ‘राजनयिक संरक्षण’ मिला हुआ है. वहीं पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को बुलाकर सारी जानकारी दे दी गई है. भारत की ओर से उस जासूस को तुरंत देश छोड़ने के लिए कहा गया है.