अमृतसर. भारत में होने जा रहा ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन इस बार अमृतसर में होगा. यह सम्मेलन 3 दिसंबर को होगा. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त रूप से इस सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे. इसमें अमेरिका, रूस, चीन और तुर्की समेत 17 सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के भी भाग लेने की संभावना है.
बता दें कि एक दिन पहले ही भारत ने इस बैठक में भाग लेने के पाकिस्तान के फैसले का स्वागत किया है. विदेश विभाग प्रवक्ता नफीस जकारिया ने साप्ताहिक ब्रीफिंग में कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य अन्य क्षेत्रीय देशों के सहयोग के साथ अफगानिस्तान का विकास करना है, जो अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता की हर कोशिश का समर्थन का पाकिस्तान की प्रतिबद्धता के अनुरूप है.
बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज घोषणा कर चुके हैं कि उनका देश इस सम्मेलन में शिरकत करेगा. गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि एचओए एक मंत्री स्तरीय बैठक और बहुपक्षीय सम्मेलन है जिसमें अफगानिस्तान की समृद्धि के लिए शांति, विकास और आर्थिक सहयोग पर चर्चा होती है.
बता दें कि एचओए की मेजबानी पिछले साल दिसंबर में पाकिस्तान ने की थी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इसमें शिरकत की थी. इसके बाद उनकी सरताज अजीज के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी हुई थी. दोनों पक्षों ने व्यापक द्विपक्षीय वार्ता बहाल करने की भी घोषणा की थी. लेकिन पठानकोट समेत कई आतंकी हमलों के कारण ये शुरू नहीं हो सकी. हाल ही में भारत ने इस्लामाबाद में होने वाले सार्क शिखर सम्मेलन का भी बहिष्कार कर दिया था.