नई दिल्ली. हाईकोर्ट जजों की नियुक्ति के मामले में केंद्र और सुप्रीम कोर्ट आमने सामने आ गयी है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि प्रशासनिक उदासीनता इस संस्थान खराब कर रहा है. आज हालात ये है कि कोर्ट को ताला लगाना पड़ा है.
सुप्रीम कोर्ट ने ये कड़ा रुख जजों की नियुक्ति मामले में सरकार की उदासीनता को दखते हुए अपनाया है. आलम ये हो गया है कि कर्नाटक हाईकोर्ट में पूरा ग्राउंड फ्लोर बंद पड़ा है. इस घटना से खिन्न कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि- क्यों ना पूरे संस्थान को ताला लगा दिया जाए और लोगों को न्याय देना बंद कर दिया जाए.
यही नहीं चीफ जस्टिस ने कहा केंद्र सरकार इस मुद्दे को ईगो का मुद्दा ना बनाए. हम नहीं चाहते कि हालात ऐसे हों कि एक संस्थान दूसरे संस्थान के आमने सामने हो जाएं. न्यायपालिका को बचाने की कोशिश होनी चाहिए. हम बडे सब्र से काम कर रहे हैं.
कोर्ट ने केन्द्र सरकार से दो टूक कहा कि केंद्र सरकार बताए कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के जजों की सूची का क्या हुआ. आखिर सरकार 9 महीने से इस सूची पर क्यों बैठी है? अगर सरकार को इन नामों पर कोई दिक्कत है तो हमें भेजें, हम उनपर फिर से विचार करने के लिए तैयार हैं.
केंद्र सरकार की ओर से AG मुकुल रोहतगी ने जवाब देते हुए बताया कि हाईकोर्ट के जजों की सूची में कई नाम हैं जो सही नहीं हैं. सरकार MOP भी तैयार कर रही है.