नई दिल्ली. क्या अखिलेश यादव ही मुलायम सिंह यादव की सियासत के असली वारिस होंगे ? क्या समाजवादी पार्टी में जो घमासान चल रहा है, उसके स्क्रिप्ट राईटर खुद मुलायम सिंह यादव हैं ? दरअसल यूपी के सियासी गलियारों में इन दिनों ये चर्चा शुरु हो गई है कि मुलायम सिंह यादव अपने सीएम बेटे को चाचाओं के साए से निकालकर अपने उत्तराधिकारी के तौर पर स्थापित करना चाहते थे. इसके लिए वो एक तरफ तो भाई शिवपाल का समर्थन करते रहे, दूसरी तरफ अखिलेश को फैसले लेने की खुली छूट भी देते रहे.
तो क्या ये मान लिया जाए कि इस पूरे विवाद से अखिलेश, समाजवादी पार्टी के निर्विवाद नेता बनकर उभरे हैं ? कल 205 विधायकों के समर्थन वाली चिट्ठी लेकर उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात कर ये बात जता दी.तो क्या हाल के दिनों में हुई तमाम पैंतरेबाजी का यही मकसद था ? मुलायम यही चाहते थे ? सवाल ये भी है कि इस पूरी रस्साकशी में शिवपाल यादव को क्या हासिल हुआ ?
विवाद के बीच विजेता की तरह निकले अखिलेश ने आज अपने चुनावी अभियान का ऐलान भी कर दिया. इसके लिए ‘काम बोलता है’ के नाम से एक वीडियो भी जारी किया गया है. मजेदार बात ये है कि साढ़े तीन मिनट के इस वीडियो में पार्टी के तमाम नेता यहां तक कि अधिकारी भी दिख रहे हैं, लेकिन शिवपाल यादव, नेताओं की भीड़ में महज एक सेकंड के लिए नजर आ रहे हैं.
(वीडियो में देखें पूरा शो)