नई दिल्ली. टाटा ग्रुप से हटाए जाने के बाद पहली बार साइरस मिस्त्री खुलकर सामने आए. उन्होंने टाटा बोर्ड को एक ई-मेल लिखा है. इस मेल में मिस्त्री ने कहा है कि- इस तरीके से पद से हटाए जाने से मैं शॉक्ड हूं.
मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार मिस्त्री ने लिखा है कि इस फैसले से वो शॉक्ड हैं. मुझे अपनी बात रखने का मौका तक नहीं दिया गया. बोर्ड ने अपनी साख के मुताबिक काम नहीं किया. यहां तक कि बोर्ड मीटिंग के दौरान भी खुद को हटाए जाने पर मिस्त्री ने इसका विरोध किया था और कहा था कि यह गैरकानूनी तरीका है.
बता दें कि टाटा ग्रुप के चैयरमैन साइरस मिस्त्री को सोमवार शाम को उनके पद से हटा दिया गया था. मिस्त्री को हटाने के पीछे कोई कारण भी नहीं बताया गया था. लेकिन माना जा रहा है कि सिर्फ मुनाफे वाली कंपनियों पर ही फोकस करने और टाटा की कंपनियों के कई कानूनी मामलो में फंसने की वजह से बोर्ड मिस्त्री से नाखुश था.
रतन टाटा बने इंटरिम चेयरमैन
बोर्ड ने मिस्त्री की जगह रतन टाटा को चार महीने के लिए इंटरिम चेयरमैन बनाया है. टाटा ग्रुप के 148 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि किसी चेयरमैन को बर्खास्त किया गया है. शापूरजी एंड पालोनजी ग्रुप की खबर के मुताबिक मिस्त्री को हटाने का फैसला रजामंदी से नहीं लिया गया.
मीटिंग में 8 बोर्ड मेंबर्स मौजूद थे इनमें से 6 ने मिस्त्री को हटाने के फेवर में वोट किया था, जबकि दो ने तटस्थ बने रहना ही सही समझा. कंपनी की पॉलिसी के मुताबिक मिस्त्री को हटाने से पहले 15 दिन का नोटिस दिया जाना था, जो नहीं दिया गया. इसी के बाद से माना जा रहा था कि कानूनी लड़ाई शुरू होगी.