नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले राष्ट्रीय आदिवासी उत्सव को संबोधित किया. इस दौरान पीएम ने कहा कि जंगल में प्राकृतिक संसाधनों का दोहन आदिवासियों के जीवन की कीमत पर नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जो लोग उनके अधिकारों को छीनते हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
पीएम मोदी ने इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में पहले राष्ट्रीय जनजातीय कार्निवाल का उद्घाटन करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने आदिवासी लोगों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं और उन्हें भूमि का अधिकार मुहैया कराने के लिए एक अभियान शुरू किया गया है.
पीएम ने कहा कि लौह अयस्क, कोयला आदि की जरूरत है लेकिन इनका खनन आदिवासियों की कीमत पर नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा किसी को भी आदिवासियों के हित को छीनने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए.
मोदी ने कहा कि सरकार अब उन्नत प्रौद्योगिकी पर जोर दे रही है जो यह सुनिश्चित करता है कि खनन के दौरान पर्यावरण पर गंभीर असर नहीं हो. उत्खनन स्थानों पर भूमिगत खदानों में कोयले के गैसीकरण से आसपास के क्षेत्रों में लोगों के स्वास्थ्य और प्रदूषण नियंत्रित करने में मदद मिल रही है.
मोदी ने कहा सरकार ने 100 रूर्बन सेंटर खोलने का फैसला लिया है. इस सेंटर पर आदिवासी भाई-बहनों को वैसी सार सुविधाएं दी जाएंगी जो शहर में रहने वाले लोगों को मिल रही हैं. मोदी ने कहा जंगलों से निकलने वाले उत्पादों से जो भी टैक्स सरकार को मिलते हैं उससे वहीं के लोगों के बीच खर्च किया जाएगा. बच्चों के पढ़ने के लिए स्कूलों का निर्माण कराया जाएगा. स्वास्थ्य के लिए स्वास्थ्य उपकेंद्र खोले जाएंगे. इस दिशा में सरकार काम कर रही है.