नई दिल्ली. 20 साल पुराने हिंदुत्व जजमेंट मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान कहा कि किसी प्रत्याशी को या उसके समर्थक को धर्म के नाम पर वोट मांगने की इजाजत नहीं दी जा सकती. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर ने कहा, ‘किसी प्रत्याशी या उसके किसी समर्थक को ये इजाजत नहीं दी जा सकती कि वो धर्म के नाम पर वोट मांगे.’
कोर्ट ने कहा कि ये चुनावी प्रक्रिया में सबसे बड़ी बुराई है क्योंकि धर्म के नाम पर लोग प्रभावित होते हैं, इसलिए इसके नाम पर वोट नहीं मांगे जाने चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी सेकुलर देश में मतदाताओं को की जाने वाली अपील भी सेकुलर सिद्धांत के तहत ही होनी चाहिए.
कोर्ट ने कहा कि धर्म के आधार पर वोट मांग कर राजनीतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की मंशा को मंजूरी नहीं दी जा सकती. बता दें कि सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी.