अर्धसत्य: क्या सचमुच चीनी माल का पूरे देश में विरोध हो रहा है ?

नई दिल्ली. किसी खास मुल्क के प्रति हिन्दुस्तान के आम लोगों में इतना उबाल शायद ही आपने पहले कभी देखा हो. भारत में विरोध-प्रदर्शन तो होते रहते हैं लेकिन वो सियासी ज्यादा होते हैं. लोगों का गुस्सा ज्यादातर अपनी सरकार, सिस्टम के ख़िलाफ होता है, लेकिन अबकी बार गुस्सा चीन-पाकिस्तान गठजोड़ के खिलाफ है.
गुस्सा ऐसा कि लोगों ने चीन को सबक सिखाने के लिए उसके उत्पाद यानी चीनी माल का हर तरफ बहिष्कार करना शुरू कर दिया है. दिवाली के मौके पर सुख-समृद्धि के लिए लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति से लेकर मोमबत्ती, झालर, बल्ब, फेनसुईं, रंगोली के सामान सब कुछ की जोरदार खरीदारी एक आम हिन्दुस्तानी सालों से करते आए हैं. इस मौके पर अमूमन बाजार में दो हफ्ते पहले से चहल-पहल शुरू हो जाती है.
जिस सप्ताह में दिवाली होती है उस सप्ताह में तो बाजार खचाखच भरे होते हैं. ज्यादातर लोग सस्ता और टिकाउ खरीददारी करना चाहते हैं. इन्हीं वजहों से पिछले करीब एक दशक में सस्ते चीनी उत्पादों ने भारतीय बाजार पर कब्जा कर रखा है.
एक अनुमान के मुताबिक दिवाली पर होने वाली खरीददारी में चीनी मालों का हिस्सा 70 फीसदी तक पहुंच गया है. मतलब बाजार में बिकने वाले हर दस प्रोडक्ट्स में से 7 चीन में बने हुए हैं. लोग इन सस्ते माल को खुशी-खुशी घर लेकर जाते हैं  लेकिन इस बार हालात उल्टे हो गए हैं. लोग चीनी माल खरीदने के बदले चौक-चौराहे पर उसकी होली जला रहे हैं.
दिल्ली का सदर बाजार झिलमिलाते झालर, रंगबिरंगे बल्बों, सुंदर लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों से अटा पड़ा है. मुगलों के समय से इस बाजार की रौनक रही है. उत्तर भारत में ये सबसे बड़ा थोक बाजार माना जाता है. यूपी, हरियाणा, पंजाब, एमपी, बिहार के खुदरा व्यापारी ज्यादातर यहीं से अपना माल ले जाते हैं.
दिवाली के मौके पर तो यहां के भागीरथ पैलेस से एक दिन में अरबों का कारोबार होता है. दिल्ली के खुदरा व्यापारियों के अलावा NCR से ऐसे लोग भी यहां सामान खरीदने पहुंचते हैं जिन्हें ये पता है कि यहां होल सेल रेट में खुदरा सामान मिल जाता है.
इस बार की तस्वीरें बदली हुई हैं. सदर बाजार में रंग-बिरंगी रोशनी की रौनक तो हैं लेकिन सिर्फ दुकानों पर, रास्ते पर, गलियों में, चीनी माल के खरीददार बहुत कम हैं. 15 दिन पहले शुरू हुए इस अभियान का बहुत असर है. ग्राहक बहुत कम आ रहे हैं.
चीन के बने सामान के विरोध की हवा उरी हमलों के बाद पाकिस्तान के खिलाफ उबाल से शुरू हुई. सितंबर के आखिरी हफ्ते में पाकिस्तान से माहौल में जब तनातनी शुरू हुई तो लोगों का गुस्सा सोशल साइट्स पर भी दिखा. जो स्वभाविक था इसी गुस्से के बीच जब भारत ने पाकिस्तान पर आतंक के ख़िलाफ कार्रवाई का दबाव बनाया.
जब सिंधु नदी समझौते को तोड़ने और पाकिस्तान का पानी रोकने की बात कही तो पाकिस्तान ने चीन को ढाल बना लिया. ऐसा कुछ होने पर चीन की तरफ से ब्रह्मपुत्र का पानी रुकवा देने की धमकी दी.
इस ताजा मुद्दे पर जानिए पूरा सच इंडिया न्यूज के मैनेजिंग एडिटर राणा यशवंत के साथ खास शो “अर्ध सत्य” में.  
वीडियो पर क्लिक करके देखिए पूरा शो

 

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