नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने ‘हिंदुत्व’ पर सुनवाई से इंकार कर दिया है. पीठ ने कहा कि हिन्दुत्व धर्म है या विचारधारा इसकी सुप्रीम कोर्ट व्याख्या नहीं करेगा. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया टीएस ठाकुर ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि हम इस बात की सुनवाई नहीं करेंगे. साथ ही पीठ, कोर्ट के 1995 के जजमेंट पर दोबारा विचार नहीं करेगा.
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया टीएस ठाकुर ने कहा कि 20 साल पुराने फैसले में ये बात कहां लिखी गई है कि संवैधानिक पीठ को हिंदुत्व की व्याख्या करनी है? फैसले के किसी भी हिस्से में इस बात का जिक्र नहीं है. जिस बात का जिक्र ही नहीं है उस हम कैसे सुन सकते है?
सुप्रीम कोर्ट ने ये टिपप्णी सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता शीतलवाड, रिटायर्ड प्रोफ़ेसर शम्सुल इस्लाम, और पत्रकार दिलीप मांडा की अर्जी पर की है. हालांकि कोर्ट ने याचिका को लंबित रखा है.