मुंबई. साइरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप के चैयरमैन पद से हटाए जाने के बाद इस फैसले के बाद विवाद शुरू हो गया है. टाटा ग्रुप के बड़े हिस्सेदारी पालोनजी और शापूरजी ग्रुप ने ग्रुप के इस फैसले को अवैध बताया है. साथ ही दोनों ग्रुप ने इस फैसले के खिलाफ चुनौती देने की बात भी कही है. पालोनजी और शापूरजी ग्रुप इस फैसले के खिलाफ कोर्ट जा सकते हैं.
पालोनजी और शापूरजी ग्रुप ने मिस्त्री को हटाए जाने के बाद सोमवार को साइरस मिस्त्री को पद से हटाए जाने का फैसले को अवैध बताया. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से पहले कम से कम किसी को 15 दिन का नोटिस दिया जाना जरूरी है. साथ साइरस को हटाए जाने का फैसला भी सर्वसम्मति से नहीं लिया गया.
टाटा ग्रुप ने अपने चेयरमैन साइरस मिस्त्री को पद से हटा दिया था और पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को चार महीने के लिए अंतरिम चेयरमैन बनाया है जिस दौरान रतन टाटा समेत पांच लोगों की टीम नया चेयरमैन चुन लेगी.
टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा सन्स की सोमवार को मुंबई में हुई बोर्ड मीटिंग में मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाने का फैसला लिया गया. कंपनी ने अपने बयान में इसका कोई कारण नहीं बताया है लेकिन माना जा रहा है कि घाटे वाले वेंचर से पीछा छुड़ाने का मिस्त्री का विजन उनको रास नहीं आ रहा था.
साइरस मिस्त्री को टाटा समूह ने बहुत धूम-धाम से 29 दिसंबर, 2012 को रतन टाटा का उत्तराधिकारी बनाया था लेकिन चार साल में ही हालात ऐसे बन गए कि रतन टाटा को फिर से आकर कंपनी की अंतरिम बागोडर संभालनी पड़ी है.
कंपनी ने रतन टाटा के अलावा वेणु श्रीनिवासन, अमित चंद्रा, रोनेन सेन और लॉर्ड कुमिार भट्टाचार्य की सर्च कमिटी अब नए चेयरमैन की तलाश करेगी और इस काम को अगले चार महीने के अंदर पूरा कर लेगी. तब तक रतन टाटा कंपनी के अंतरिम चेयरमैन रहेंगे.