नई दिल्ली. सीवान के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या मामले मामले में बिहार की सीवान जेल में बंद आरजेडी के पूर्व विधायक शहाबुद्दीन की मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं. मृतक पत्रकार की पत्नी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों ना उसे सीवान से तिहाड़ जेल शिफ्ट कर दिया जाए और उसका ट्रायल वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हो.
कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार और बिहार सरकार को भी नोटिस जारी किया है. साथ ही चार हफ्तों में जवाब मांगा है. मामले की सुनवाई 28 नवंबर को होगी.
बता दें कि पत्रकार की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत रद्द होने के बाद शहाबुद्दीन ने सीवान कोर्ट में सरेंडर कर दिया था, तब से वो सीवान जेल में बंद है.
बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने 7 सितंबर को शहाबुद्दीन की जमानत मंजूर कर ली थी और वह 10 सितंबर को भागलपुर जेल से रिहा हुए थे. लेकिन, जमानत के खिलाफ जाने माने वकील प्रशांत भूषण ने चंद्रकेश्वर प्रसाद की ओर से और बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
शहाबुद्दीन के खिलाफ दर्जनों मामलों दर्ज है. उन पर पर चंद्रकेश्वर प्रसाद के तीन बेटों की हत्या का आरोप है. इस मामले में शहाबुद्दीन 11 साल जेल में काट चुके हैं. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शाहबुद्दीन को लेकर बिहार सरकार के रुख पर फटकार लगाई थी.
कोर्ट ने कहा था कि एक साधारण आदमी भी यह जानना चाहता है कि शहाबुद्दीन जो 4 बार सांसद, दो बार विधायक रहा है उसके खिलाफ अगर इतने मामले लंबित है तो उसमें सरकार ने क्या कदम उठाये हैं. शहाबुद्दीन को सभी मामलों में जमानत मिली लेकिन आपने इसे चुनौती क्यों नहीं दी.