लखनऊ. यादव परिवार में मचे घमासान के बीच आज अखिलेश यादव पूरी तरह से चाचा और प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव पर भारी पड़े हैं.
दरअसल, पहले इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा था कि पार्टी टूटने की स्थिति में सरकार पर खतरा आ सकता है लेकिन आज हुई विधायक दल की बैठक में करीब 202 विधायक अखिलेश के समर्थन में पहुंच गए जिससे कि साबित हो गया कि सदन में सरकार के पक्ष में बहुमत है.
अभी समाजवादी पार्टी के पास कुल 232 विधायक हैंं और विधानसभा में बहुमत के लिए 202 विधायकों की जरूरत है. ऐसे में अगर अखिलेश सरकार के खिलाफ अगर अविश्नवास प्रस्ताव लाया जाए तो वह गिर जाएगा.
यही वजह है कि बर्खास्त होने के बाद जब शिवपाल यादव ने प्रेस कांफ्रेंस की तो उनके निशाने पर अखिलेश यादव न होकर पार्टी के महासचिव राम गोपाल यादव थे.
शिवपाल ने बिना रामगोपाल का नाम लिए कहा कि पार्टी के एक बड़े नेता सीबीआई जांच की डर से तीन बार बीजेपी के बड़े नेता से मिल चुके हैं लेकिन मुख्यमंत्री इन बातों को समझ नहीं पा रहे हैं.
वहीं आज सुबह विधायक दल की बैठक में अखिलेश ने भी पूरी तरह आक्रमक रुख अख्तियार करते हुए कहा कि वह नेता जी (मुलायम सिंह यादव) के असली उत्तराधिकारी हैं. उनके और नेता जी के बीच जो कोई भी आएगा वह बाहर का रास्ता देखेगा. उनकी यह बात सुनकर कुछ विधायकों ने अमर सिंह के खिलाफ नारेबाजी भी की.
इसी के थोड़ी देर बाद मीडिया में खबर आई कि शिवपाल सहित चार मंत्रियों को अखिलेश ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
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