मुंबई. देश में चल रहे ‘ट्रिपल तलाक’ पर विवाद के बीच एक महिला ने तलाक मानने से साफ इंकार कर दिया है. 18 साल की इस महिला ने ‘ट्रिपल तलाक’ को एक ‘घृणित प्रथा’ बताते हुए इसके खिलाफ उतरने का फैसला भी लिया है.
अर्शिया बागवान ने आरोप लगाते हुए कहा है कि शादी के दो साल बाद ही उसके ससुरालवालों ने उसे टॉर्चर करना शुरू कर दिया था. इसके बाद उसे पुणे में अपने मायके भेज दिया गया. इसके कुछ दिन बाद ही उसे अपने पिता के घर पर ही एक नोटिस मिला, जिसमें उसके पति ने तीन बार ‘तलाक’ लिखा हुआ था.
अर्शिया ने बताया कि उसे अपने पति का नोटिस तो मिल चुका है, लेकिन वो इन्हें मानने को तैयार नहीं हैं. अर्शिया का कहना है कि वो इस ‘एकतरफा’ तलाक को स्वीकार नहीं करती हैं. इतना ही नहीं वो इस मनमाने ढंग से दिए गए तलाक के खिलाफ कोर्ट में जाएंगी. इसके अलावा अर्शिया का यह भी कहना है कि वो अब उन महिलाओं के साथ भी खड़ी होंगी जिन्हें इस तरह की प्रथाओं से जूझना पड़ता है.
अर्शिया ने बयां किया दर्द
इसके अलावा अर्शिया ने मुस्लिम सत्य शोधक मंडल द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि वो उस वक्त 16 साल की थी जब उसकी शादी एक सब्जी व्यापारी मोहम्मद काजिम बागवान से हुई थी. आर्शिया ने बताया कि शादी के 6 महीनें बाद से ही उसकी सास ने उसे टॉर्चर करना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं मेरी प्रेग्नेंसी के दौरान भी उन्होंने मुझे टॉर्चर करना बंद नहीं किया.