नई दिल्ली. हर साल जब भी कोई त्यौहार आता है, बाज़ार में मिलावटी मावा और मिठाइयों का कारोबार तेज़ हो जाता है. सरकारी विभाग छापेमारी करते हैं, सैंपलिंग करते हैं और मान लेते हैं कि अब सब कुछ ठीक है. इन दिनों बाज़ार में दिवाली की रौनक बढ़ी है और इसी रौनक के पीछे चल रहा है मिलावट का काला धंधा.
दिल्ली की सबसे बड़ी मावा मंडी में दिवाली की हलचल बढ़ गई है और इसी के साथ बढ़ गया है मिलावटी मावे का खतरा. इसी खतरे की पड़ताल करने के लिए इंडिया न्यूज़ की टीम जब मावा मंडी पहुंची, तो पता चला कि इन दिनों डिमांड बढ़ने के चलते मावे का रेट ढाई सौ रुपये किलो तक पहुंच गया है, लेकिन इसी मंडी में हमें एक मावा कारोबारी ऐसा मिला, जो मोलभाव करने पर 120 रुपये किलो के रेट से मावा बेचने को तैयार हो गया.
मावा कारोबारियों के मुताबिक, मंडी में सस्ता मावा वही बेच सकता है, जो नकली मावा तैयार कर रहा हो. नकली मावा मिल्क पाउडर, शकरकंदी, आलू, मैदा और वनस्पति घी से बनाया जाता है. इंडिया न्यूज़ के खुफिया कैमरे पर सस्ता मावा बेचने वाले कारोबारी से जब हमने कैमरे पर बात की, तो उसका जवाब सुनिए. मावा मंडी में इंडिया न्यूज़ ने जब मावे का सैंपल लेने की कोशिश की, तो कई दुकानदार इसके लिए भी तैयार नहीं हुए.
जाहिर है कि ये चोर की दाढ़ी में तिनके जैसा मामला है. मावा मंडी के बाद हमने आज़ादपुर इलाके में ही तीन मिठाई की दुकानों से सैंपल लिए और उनकी जांच लैबोरेटरी में कराई. मिठाई और मावे में तीन तरह की मिलावट का खतरा होता है.अगर इसमें आलू या शकरकंदी की मिलावट हो तो स्टार्च मिलता है और अगर केमिकल से दूध बनाया गया हो तो उसमें यूरिया और डिटर्जेंट का अंश मिलता है.
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